खाड़ी संकट: रूसी हैकर्स ने कतर के खिलाफ रची साजिश, प्लांट की झूठी खबर!

एक ओर जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), मिस्र और बहरीन द्वारा कतर के साथ रिश्ते तोड़ने के फैसले का समर्थन करते दिख रहे हैं, तो वहीं अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि कतर एक रूसी साजिश का शिकार हुआ है। US की खुफिया एजेंसी FBI का मानना है कि कतर के खिलाफ साजिश रचने में रूसी हैकर्स का हाथ है। CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि रूसी हैकर्स ने कतर के खिलाफ एक झूठी खबर प्लांट की और इसी खबर के आधार पर सऊदी व उसके सहयोगी देशों ने कतर के साथ संबंध तोड़ने का फैसला किया। इसी झूठी खबर के आधार पर सऊदी और उसके साथी देशों ने कतर पर आतंकवाद को समर्थन देने और पूरे क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश में शामिल होने का आरोप लगाया। साथ ही, कतर पर सऊदी के धुर-विरोधी ईरान द्वारा कथित तौर पर प्रायोजित आतंकवाद में उसका साथ देने और यमन में शिया हूती विद्रोहियों को मदद देने का भी आरोप लगाया गया। 

CNN के मुताबिक, FBI के अधिकारी मई के आखिर में एक कथित साइबर अतिक्रमण की जांच करने कतर गए थे। इस साइबर ब्रीच की जांच में सामने आया कि हैकर्स ने कतर की आधिकारिक न्यूज एजेंसी में एक फर्जी खबर डाल दी। सऊदी अरब ने इसी झूठी खबर को कारण बताते हुए कतर के साथ अपने कूटनीतिक और आर्थिक संबंध तोड़ लिए। सऊदी के साथ ही UAE, मिस्र और बहरीन ने भी कतर के साथ अपने संबंध खत्म करने का ऐलान किया। पिछले कई दशकों के दौरान खाड़ी देशों में इतना बड़ा संकट पैदा नहीं हुआ था। 
कतर सरकार के मुताबिक, हैकर्स ने 23 मई को उनकी आधिकारिक मीडिया में एक झूठी खबर प्लांट की। इसमें UAE के शासक के लिए ऐसा बयान दिया गया था, जो कि ईरान और इजरायल के प्रति कतर के रिश्तों को काफी दोस्ताना बनाकर पेश कर रहा था। साथ ही, इस खबर में यह शंका भी जताई गई थी कि क्या डॉनल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा कर सकेंगे। कतर के विदेश मंत्री ने CNN को बताया कि FBI ने हैकिंग और गलत खबर प्लांट किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, 'कतर पर जो आरोप लगाए हैं वे सब एक गलत खबर पर आधारित हैं। हमें लगता है कि मौजूदा संकट पूरी तरह से झूठी और फर्जी खबर पर आधारित है।' उन्होंने आगे कहा, 'जिस खबर के आधार पर सऊदी और बाकी देशों ने कतर पर आरोप लगाया, वह खबर फर्जी थी। उसे हैकिंग की मदद से हमारी आधिकारिक न्यूज एजेंसी के अंदर फीड किया गया। इस बात की पुष्टि खुद अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने की है।'
अगर यह जानकारी सही है, तो इससे संकेत मिलता है कि रूस किस तरह अमेरिकी विदेश नीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले रूसी हैकर्स ने 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की भी कोशिश की थी और अभी अमेरिका में इस बात की जांच चल रही है। हालांकि क्रेमिलन ने खुद पर लगे इन आरोपों को खारिज कर दिया है। मालूम हो कि पूरे मध्यपूर्वी एशिया में अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा एयरबेस कतर में ही है। इसके बावजूद ट्रंप कतर को हाशिये पर धकेले जाने की कोशिशों में सऊदी के साथ खड़े होते हुए नजर आ रहे हैं। एक ओर FBI जहां मौजूदा संकट में कतर के साथ खड़ी होती दिख रही है, वहीं ट्रंप संकेतों में कतर पर आतंकवाद की मदद करने का आरोप लगा रहे हैं। ट्रंप ने ट्वीट किया, 'यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि पिछले महीने सऊदी अरब के दौरे पर सुल्तान से मुलाकात करने और 50 अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मिलने का नतीजा इतनी जल्दी सामने आ रहा है।'
ट्रंप ने आगे लिखा, 'उन्होंने कहा था कि वे आतंकवाद और कट्टरपंथ को फंडिंग दिए जाने पर कड़ा कदम उठाएंगे। सारे संदर्भ-प्रसंग कतर की ओर इशारा कर रहे थे। शायद आतंकवाद के खौफ का खात्मा होने की यही शुरुआत है।' एक ओर जहां ट्रंप अपने ट्वीट्स में सऊदी की पीठ थपथपाते हुए दिख रहे हैं, वहीं CNN ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कतर सरकार FBI और ब्रिटेन की नैशनल क्राइम एजेंसी के साथ मिलकर हैकिंग के मामले की जांच कर रही है। 

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