वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप: न्यूज़ीलैंड की दमदार जीत, फ़ाइनल में भारत को 8 विकेट से हराया

 टेस्ट क्रिकेट को पहला वर्ल्ड चैंपियन मिल गया है. ये है आईसीसी रैंकिंग में पहले नंबर पर मौजूद टीम न्यूज़ीलैंड.

न्यूज़ीलैंड ने भारत के ख़िलाफ़ साउथैम्पटन में छह दिन चले फ़ाइनल मुक़ाबले में हर मोर्चे पर दबदबा साबित किया और आठ विकेट से दमदार जीत हासिल की.

बारिश से प्रभावित मैच के छठे दिन गेंदबाज़ों के कमाल के बाद कप्तान केन विलियमसन और रॉस टेलर ने उम्दा बल्लेबाज़ी की और आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में इतिहास रच दियाजीत के हीरो रहे कप्तान विलियमसन ने हाफ सेंचुरी जमाई. वो 89 गेंद पर 52 रन बनाकर नाबाद रहे. चौका जमाकर जीत पक्की करने वाले टेलर ने नाबाद 47 रन बनाए. 


बारिश की वजह से दो दिन का खेल बर्बाद होने के कारण मैच का नतीजा छठे दिन निकला. भारत ने न्यूज़ीलैंड को जीत के लिए 139 रन की चुनौती दी थी.

स्पिनर आर अश्विन ने न्यूज़ीलैंड के स्पिनरों को सस्ते में पैवेलियन भेज दिया लेकिन विलियमसन और टेलर ने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

न्यूज़ीलैंड की पारी के 31वें ओवर में टेलर जब 26 रन पर थे तब जसप्रीत बुमराह की गेंद पर चेतेश्वर पुजारा ने उनका कैच टपकाया.

जब न्यूज़ीलैंड टीम जीत से 12 रन दूर थी तब जसप्रीत बुमराह ने केन विलियमसन का कैच टपकाया. गेंदबाज़ थे मोहम्मद शमी.

इसकी अगली गेंद पर चौका जमाकर विलियमसन ने हाफ सेंचुरी पूरी कर ली. पारी के 46वें ओवर में टेलर ने मोहम्मद शमी की गेंद पर चौका जड़ा और न्यूज़ीलैंड को जीत दिला दी. छठे दिन लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूज़ीलैंड टीम के ओपनर डेवन कॉनवे और टॉम लैथम ने पहले विकेट के लिए 33 रन जोड़े.

लैथम नौ रन बनाकर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर आउट हुए. इसके बाद अश्विन ने कॉनवे को पैवेलियन भेजा. उन्होंने 19 रन बनाए.

दूसरा विकेट 44 रन के स्कोर पर गिरा. उसके बाद कप्तान केन विलियमसन और रॉस टेलर भारतीय गेंदबाज़ों पर हावी हो गए. भारत के हाथ से कैसे फिसला मैच?

भारत के पास जीत का रास्ता खोलने या फिर मैच ड्रॉ कराने का मौका था और इसके लिए उम्मीदें बल्लेबाज़ों पर टिकी थीं.

लेकिन टेस्ट मैच के छठे दिन बुधवार को भारत की दूसरी पारी 170 रन पर सिमट गई. न्यूज़ीलैंड ने पहली पारी में भारत पर 32 रन की बढ़त ली थी. ऐसे में भारत की कुल बढ़त 138 रन की हुई और न्यूज़ीलैंड को 139 रन की चुनौती मिली.

दूसरी पारी में ऋषभ पंत के अलावा भारत का कोई बल्लेबाज़ विकेट पर टिकने का दम नहीं दिखा सका. ऋषभ पंत ने 41 रन बनाए और दूसरी पारी में भारत के टॉप स्कोरर रहे. दिग्गज नाकाम

भारत ने छठे दिन के खेल की शुरुआत दो विकेट पर 64 रन के स्कोर से की थी. मैच पर पकड़ मजबूत करने के लिए ज़रूरी था कि भारतीय बल्लेबाज़ टिककर खेलें. लेकिन कप्तान विराट कोहली (13 रन), चेतेश्वर पुजारा (15 रन) और उप कप्तान अजिंक्य रहाणे (15 रन) बड़ी पारी नहीं खेल सके.

रवींद्र जडेजा ने 16 और मोहम्मद शमी ने 13 रन बनाए. मैच के पांचवें दिन रोहित शर्मा ने 30 रन की पारी खेली थी.

न्यूज़ीलैंड के लिए टिम साउदी ने चार और ट्रेंट बोल्ट ने तीन विकेट लिए. 

पहली पारी

बारिश से प्रभावित फ़ाइनल मुक़ाबले में भारतीय बल्लेबाज़ पहली पारी में भी कमाल नहीं दिखा पाए थे. न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीतने के बाद भारत को बल्लेबाज़ी का न्योता दिया था. भारत की पहली पारी 217 रन पर सिमट गई थी. पहली पारी में भारत के लिए उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 49, कप्तान विराट कोहली ने 44 और रोहित शर्मा ने 34 रन बनाए थे. न्यूज़ीलैंड के लिए काइली जैमिसन ने पांच विकेट हासिल किए थे.

न्यूज़ीलैंड की पहली पारी के दौरान भारतीय गेंदबाज़ों ने भी अच्छी बॉलिंग की लेकिन कॉनवे के 54 और कप्तान केन विलियमसन के 49 रनों की मदद से न्यूज़ीलैंड की टीम 249 रन बनाने में कामयाब रही. इस स्कोर तक पहुंचने में साउदी के 30 और जैमिसन के 21 रन का भी योगदान रहा. पहली पारी के आधार पर न्यूज़ीलैंड को 32 रन की बढ़त मिली. भारत के लिए मोहम्मद शमी ने चार और ईशांत शर्मा ने तीन विकेट लिए. 

बारिश का खलल

फ़ाइनल मुक़ाबले में पहले और चौथे दिन बारिश की वजह से खेल नहीं हो पाया.

बारिश की संभावना को देखते हुए मैच में एक दिन रिज़र्व रखा गया था और इसी वजह से छठे दिन खेल हुआ.

साल 2005 के बाद ये पहला मौका रहा कि किसी टेस्ट मैच में छठे दिन भी खेल हुआ. इंग्लैंड में तो ऐसा 1975 के बाद पहली बार हुआ.

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