एक भी डिटेंशन सेंटर नहीं- रामलीला मैदान में बोले पीएम; असम में 6 हैं- लोकसभा में सरकार ने बताया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में आयोजित हुई रैली में अपने संबोधन में कहा कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। हालांकि बीते माह ही सरकार ने राज्यसभा में दी एक जानकारी में यह स्वीकार किया था कि असम में 6 डिटेंशन सेंटर हैं और उनमें 1000 विदेशी लोग रखे गए हैं। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया था कि साल 2016 से 13 अक्टूबर, 2019 के बीच डिटेंशन सेंटर में रखे गए 28 लोगों की मौत हो गई है। ये मौतें डिटेंशन सेंटर और अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई।
केन्द्रीय मंत्री ने संसद में ये भी बताया कि डिटेंशन सेंटर्स में सभी मूलभूत सुविधाएं और मेडिकल केयर की सुविधा है। मूलभूत सुविधाओं में खाना, कपड़े, अखबार, टेलीविजन, खेल-कूद की सुविधाएं, लाइब्रेरी, योगा, मेडिटेशन आदि सुविधा शामिल हैं।
वहीं पीएम मोदी द्वारा रैली में दिए गए बयान के कुछ देर बाद ही कांग्रेस ने भी इसे लेकर निशाना साधा। कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि क्या पीएम मोदी को लगता है कि भारतीय उनके झूठ के खिलाफ फैक्ट चैक के लिए एक साधारण सा गूगल सर्च भी नहीं कर सकते? डिटेंशन सेंटर सच्चाई है और जब तक सरकार सत्ता में रहेगी यह जारी रहेगी।
Congress
@INCIndia
Does PM Modi believe Indians can't do a simple google search to fact check his lies?
Detention Centres are extremely real and will continue to grow as long as this govt is in power. twitter.com/BJP4India/stat…
BJP @BJP4India
I request the youth of the country to read the Act in detail and not to fall prey to the rumors of detention-centers being spread by Urban Naxals and Congress.
It's a lie and is dividing the nation: PM Modi #DilliChaleModiKeSaath
748 4:00 PM - Dec 22, 2019
540 people are talking about this
बता दें कि मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी के डिटेंशन सेंटर के दावे पर सवाल उठाए। प्रशांत भूषण ने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि “मोदी ने कहा है कि एनआरसी में छूट गए लोगों के लिए किसी डिटेंशन सेंटर की योजना नहीं है। यह एक बड़ा डिटेंशन सेंटर है (3000 लोगों के लिए), जो असम में बनाया जा रहा है, जिसका मैंने एक महीने पहले ही दौरा किया था।”
रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित हुई रैली में पीएम मोदी ने कहा कि ‘कांग्रेस और ‘अर्बन नक्सल’ अफवाहें फैला रहे हैं कि मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर्स में भेज दिया जाएगा…देश में किसी भी मुस्लिम को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा और भारत में कोई डिटेंशन सेंटर है भी नहीं। देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है।’
केन्द्रीय मंत्री ने संसद में ये भी बताया कि डिटेंशन सेंटर्स में सभी मूलभूत सुविधाएं और मेडिकल केयर की सुविधा है। मूलभूत सुविधाओं में खाना, कपड़े, अखबार, टेलीविजन, खेल-कूद की सुविधाएं, लाइब्रेरी, योगा, मेडिटेशन आदि सुविधा शामिल हैं।
वहीं पीएम मोदी द्वारा रैली में दिए गए बयान के कुछ देर बाद ही कांग्रेस ने भी इसे लेकर निशाना साधा। कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि क्या पीएम मोदी को लगता है कि भारतीय उनके झूठ के खिलाफ फैक्ट चैक के लिए एक साधारण सा गूगल सर्च भी नहीं कर सकते? डिटेंशन सेंटर सच्चाई है और जब तक सरकार सत्ता में रहेगी यह जारी रहेगी।
Congress
@INCIndia
Does PM Modi believe Indians can't do a simple google search to fact check his lies?
Detention Centres are extremely real and will continue to grow as long as this govt is in power. twitter.com/BJP4India/stat…
BJP @BJP4India
I request the youth of the country to read the Act in detail and not to fall prey to the rumors of detention-centers being spread by Urban Naxals and Congress.
It's a lie and is dividing the nation: PM Modi #DilliChaleModiKeSaath
748 4:00 PM - Dec 22, 2019
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बता दें कि मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी के डिटेंशन सेंटर के दावे पर सवाल उठाए। प्रशांत भूषण ने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि “मोदी ने कहा है कि एनआरसी में छूट गए लोगों के लिए किसी डिटेंशन सेंटर की योजना नहीं है। यह एक बड़ा डिटेंशन सेंटर है (3000 लोगों के लिए), जो असम में बनाया जा रहा है, जिसका मैंने एक महीने पहले ही दौरा किया था।”
रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित हुई रैली में पीएम मोदी ने कहा कि ‘कांग्रेस और ‘अर्बन नक्सल’ अफवाहें फैला रहे हैं कि मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर्स में भेज दिया जाएगा…देश में किसी भी मुस्लिम को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा और भारत में कोई डिटेंशन सेंटर है भी नहीं। देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है।’