Parliament Winter Session 2019 LIVE Updates: नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास, समर्थन में मिले 125 वोट, विरोध में 105
Parliament Winter Session 2019, Citizenship Amendment Bill Today in Rajya Sabha LIVE Updates:
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया। विधेयक के पक्ष में 125 और विरोध में 105 मत पड़े। अब बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मंजूरी के साथ ही कानून का हिस्सा बन जाएगा। राज्यसभा में मतदान के दौरान शिवसेना ने वॉकआउट किया। इससे पहले बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव गिर गया। सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने के पक्ष में 99 लोगों ने वोट दिया जबकि वहीं इसके खिलाफ 124 वोट पड़े। इसके बाद इस विधेयक को लेकर फाइनल वोटिंग की गई।
नागरिकता संशोधन विधेयक पर बुधवार(11 दिसंबर) को करीब दिनभर चली बहस के बाद शाम को गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर यह बिल 50 साल पहले आ जाता तो हालात इतने ना बिगड़ते।
शाह ने कहा कि भारत ने तो अपना वादा निभाया लेकिन पड़ोस के तीन मुल्कों ने अपना वादा नहीं निभाया। समस्याओं को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
बिल पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी कम से कम 20 फीसदी कम हुई है। शाह ने कहा कि इन प्रवासियों के पास रोजगार और शिक्षा के अधिकार नहीं थे। गृह मंत्री ने इस विधेयक के पीछे वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस संबंध में घोषणा की थी।
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया। विधेयक के पक्ष में 125 और विरोध में 105 मत पड़े। अब बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मंजूरी के साथ ही कानून का हिस्सा बन जाएगा। राज्यसभा में मतदान के दौरान शिवसेना ने वॉकआउट किया। इससे पहले बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव गिर गया। सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने के पक्ष में 99 लोगों ने वोट दिया जबकि वहीं इसके खिलाफ 124 वोट पड़े। इसके बाद इस विधेयक को लेकर फाइनल वोटिंग की गई।
नागरिकता संशोधन विधेयक पर बुधवार(11 दिसंबर) को करीब दिनभर चली बहस के बाद शाम को गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर यह बिल 50 साल पहले आ जाता तो हालात इतने ना बिगड़ते।
शाह ने कहा कि भारत ने तो अपना वादा निभाया लेकिन पड़ोस के तीन मुल्कों ने अपना वादा नहीं निभाया। समस्याओं को राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
बिल पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी कम से कम 20 फीसदी कम हुई है। शाह ने कहा कि इन प्रवासियों के पास रोजगार और शिक्षा के अधिकार नहीं थे। गृह मंत्री ने इस विधेयक के पीछे वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस संबंध में घोषणा की थी।