सुषमा स्वराज का निधन, शाम 4 बजे होगा अंतिम संस्कार
भारत की पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात निधन हो गया. बुधवार शाम चार बजे दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार होगा.
- मंगलवार रात को घर पर हुआ था कार्डिएक अरेस्ट
- दिल्ली के एम्स अस्पताल में कराया गया भर्ती
- रात से ही घर पर श्रद्धांजलि, नेताओं और क़रीबी लोगों का लगा तांता
- बुधवार दोपहर 12 से 3 बजे तक दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर पार्टी मुख्यालय में दी जाएगी श्रद्धांजलि
- शाम 4 बजे लोधी रोड शवदाह गृह में होगी अंत्येष्टि
- 67 साल उम्र में हुआ निधन
- दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री
- बीजेपी की पहली महिला मुख्यमंत्री
- लोकसभा में पहली महिला विपक्षी नेता
- भारत में पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री
- सात बार सांसद (6 लोकसभा, 1 राज्यसभा) और तीन बार विधायक
पिछले ही साल सुषमा स्वराज ने ये ऐलान किया था कि वो साल 2019 का चुनाव नहीं लड़ेंगी. इस घोषणा के बाद सुषमा के पति और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने कहा था, ''एक समय के बाद मिल्खा सिंह ने भी दौड़ना बंद कर दिया था. आप तो पिछले 41 साल से चुनाव लड़ रही हैं.''
67 साल की सुषमा राजनीति में 25 बरस की उम्र में आईं थीं. सुषमा के राजनीतिक गुरु लाल कृष्ण आडवाणी रहे थे.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी है.
अपने ट्वीट्स में उन्होंने लिखा है, ''भारतीय राजनीति का एक महान अध्याय ख़त्म हो गया है. भारत अपने एक असाधारण नेता के निधन का शोक मना रहा है, जिन्होंने लोगों की सेवा और गरीबों की ज़िंदगी बेहतर के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. सुषमा स्वराज जी अनूठी थीं, जो करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत थीं. सुषमा जी अद्भुत वक्ता और बेहतरीन सांसद थीं. उन्हें सभी पार्टियों से सम्मान मिला. बीजेपी की विचारधारा और हित के मामले में वो कभी समझौता नहीं करती थीं. बीजेपी के विकास में उन्होंने बड़ा योगदान दिया.''
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी कहा कि सुषमा स्वराज के निधन से उनका मन अत्यंत दुखी है.
कांग्रेस के पार्टी के नेता राहुल गांधी ने भी सुषमा स्सुषमा स्वराज के निधन की ख़बर से स्तब्ध हूं. वे असधारण नेता और प्रखर वक्ता रहीं जिनकी दूसरी पार्टियों में भी मित्रता थी.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट करके अपनी संवेदना जताई है.
'भाई कैसे हो'
एम्स पहुंचे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने सुषमा स्वराज को इन शब्दों में याद किया, ''मैं हमेशा पूछता था कि बहन कैसी हो और वो पूछती थीं भाई कैसे हो. हमने एक बहन खो दिया है. वो एक बेहतरीन वक्ता थीं, उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.''
केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''बड़ी बहन थीं, छोटे भाई के तौर पर सिखाया, पार्टी में, सरकार में, सदन में. परसों तीन तलाक पर खुश थीं, कल 370 पर खुश थीं. सुषमा जी ने पार्टी को बहुत आगे बढ़ाया.''
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पूरी दुनिया में भारत की इज्जत बढ़ाने का काम उन्होंने किया था. उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा सुषमा जी अचानक उठ कर चलीं गईं, उनके जाने की उम्र नहीं थी.
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ''आदरणीय सुषमा जी हम लोगों के बीच नहीं रहीं, वह हम लोगों को प्रेरणा देती रहीं कि राष्ट्र की राजनीति में अपना योगदान दे सकते हैं, इसे स्पष्ट तौर पर रखने का प्रयास किया. उनका अंतिम ट्वीट बताता है कि किस तरह से देश सेवा में जुटी रही हैं.''
जेपी नड्डा ने बताया कि सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर बुधवार 12 बजे से तीन बजे तक अंतिम दर्शन के लिए पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा. इसके बाद लोधी रोड के क्रेमेटोरियम में राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, ''सुषमा स्वराज का निधन पार्टी के लिए बड़ी क्षति है, देश के लिए भी और मेरे लिए भी. मैंने उनकी सोहबत में काफी कुछ सीखा है. इतनी जल्दी वो चली जाएंगी, इसका यकीन नहीं था.''
कहानी सुषमा स्वराज की...
सुषमा स्वराज एक प्रखर और ओजस्वी वक्ता, प्रभावी पार्लियामेंटेरियन और कुशल प्रशासक मानी जाती हैं.
एक वक़्त था जब बीजेपी में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद सुषमा और प्रमोद महाजन सबसे लोकप्रिय वक्ता थे. फिर बात संसद की हो या सड़क की. सुषमा स्वराज की गिनती बीजेपी के डी(दिल्ली)-फ़ोर में होती थी.
बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं. सुषमा सात बार सांसद रह चुकी हैं.
तस्वीरों से प्रचार करने वालीं सुषमा
इमरजेंसी के दिनों में बड़ौदा डायनामाइट केस में फंसे जार्ज फ़र्नांडिस ने जेल में ही रहकर मुज़फ़्फरपुर से चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया था.
तब सुषमा स्वराज ने हथकड़ियों में जकड़ी उनकी तस्वीर दिखा कर ही पूरे क्षेत्र में प्रचार किया. जब चुनाव परिणाम आया तो जॉर्ज दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद थे.
राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि साल 2013 में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनने से रोकने की लाल कृष्ण आडवाणी की मुहिम में वे आडवाणी के साथ थीं. इस मुहिम में उन्होंने आखिर तक आडवाणी का साथ दिया. पर 2014 में मोदी की जीत के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
जानकारों और मोदी के आलोचकों का मानना था कि इस अपराध की सज़ा सुषमा को भविष्य में मिलेगी.
इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था.
बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ट्विटर पर काफ़ी सक्रिय रहती थीं. फिर चाहे विदेश में फंसे लोगों की मदद करना हो या लोगों का पासपोर्ट बनवाना.
कुछ मौक़ों पर छोटी बातों पर मदद मांगते लोगों को सुषमा ने मज़ाकिया अंदाज़ में डांट भी लगाई थी.