श्रीलंका: आत्मघाती हमलावरों ने ली 207 लोगों की जान
श्रीलंका सरकार ने कहा है कि रविवार को हुए सिलसिलेवार धमाके आत्मघाती हमलावरों ने किए और इनकी साज़िश विदेश में रची गई. श्रीलंका में अब तक हुए आठ धमाकों में कम-से-कम 207 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 450 लोग घायल हैं.
- अब तक आठ धमाके हुए.होटल और चर्च निशाने पर
- 207 लोगों की मौत, 450 घायल
- कोलंबो, नेगोम्बो और बट्टिकलोआ में तीन चर्चों पर ईस्टर की प्रार्थना के दौरान धमाका
- कोलंबो में चार होटलों और एक चिड़ियाघर को भी बनाया गया निशाना
- किसी गुट ने हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली
- सरकार ने कहा आत्मघाती हमला, विदेश में रची गई साज़िश
- पूरे देश में कर्फ्यू लगाया गया
श्रीलंका के रक्षामंत्री आर विजयवर्धन का कहना है, ''ये आत्मघाती हमले हैं. अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.''
उन्होंने कहा, ''ख़ुफ़िया एजेंसियों ने हमले के बारे में सूचित किया था, लेकिन इससे पहले कि उन्हें रोका जाता, धमाके हो गए. हमले की साज़िश विदेश में रची गई.''
लोगों को इस बार का डर है कि हमले आगे भी जारी रह सकते हैं.
श्रीलंका में अब तक कुल आठ धमाके हो चुके हैं. ईस्टर पर चर्च और होटलों को निशाना बनाया गया है. कम से कम 207 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 400 लोग घायल हुए हैं.
आठवें धमाके में तीन पुलिस अधिकारी भी मारे गए हैं. ये धमाका उस समय हुआ जब पुलिस अधिकारी कोलंबो में एक घर की तलाशी ले रहे थे.
अभी ये पता नहीं चल पाया है कि क्या ये धमाका बम को निष्क्रिय करने की कोशिश के दौरान हुआ. पुलिस के मुताबिक इस धमाके के सिलसिले में दो संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया है.
कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की है. श्रीलंका से प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि मृतकों में नौ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
इन धमाकों के पीछे किसके हाथ है, अभी तक पता नहीं चल पाया है. किसी गुट या समूह ने इन धमाकों की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
बीबीसी सिंहला सेवा के संवाददाता अज़्जाम अमीन के मुताबिक कोलंबो में लगभग 50 लोगों की मौत हुई है. कोलंबो जनरल अस्पताल ने भी इसकी पुष्टि की है.
इसके अलावा बट्टिकोला में 25 लोगों की मौत हुई है और पुलिस के मुताबिक नेगंबो में मरने वालों की संख्या कम से कम 50 हो सकती है.
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़, तीन चर्चों और कोलंबो के तीन फ़ाइव स्टार होटलों में धमाके हुए हैं.
कोच्चादाई स्थित सेंट एंथोनी, बट्टिकोला और नेगोंबो चर्चों, जबकि कोलंबो में शांगरी ला स्टार, किंग्सबरी और सिनेमन ग्रांड होटलों में धमाके हुए हैं.
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने कहा है कि धमाके की जांच सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं. उन्होंने लोगों से फ़ेक न्यूज़ पर विश्वास न करने की अपील की.
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि सुरक्षा के मसले पर एक आपात बैठक बुलाई गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बम धमाकों की निंदा करते हुए ट्वीट किया है, "श्रीलंका में भयानक धमाकों की कड़ी निंदा करता हूं. इस तरह की बर्बरता कोई जगह नहीं है. भारत श्रीलंका के लोगों के साथ है. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं."
नौ विदेशी नागरिकों की मौत
धमाकों में कई विदेशी नागरिकों के मारे जाने और घायल होने की भी ख़बर है. कोलंबो अस्पताल ने 9 विदेशी नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है.
ईस्टर संडे ईसाई कैलेडर में एक बड़ा पर्व होता है और इस मौके पर चर्चों में बड़े पैमाने पर प्रार्थनाएं आयोजित होती है.
सेंट एंथोनी और अन्य चर्चों में हज़ारों लोग ईस्टर की प्रार्थना के लिए एकत्रित हुए थे.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बीबीसी सिंहला को बताया कि धमाके के बाद उसने बहुत सारे शवों को एक के ऊपर एक बिखरे देखा.
श्रीलंका रेड क्रॉस ने ट्वीट कर कहा है कि सोशल मीडिया में रेड क्रॉस इमारत पर हमले की ख़बर प्रसारित की जा रही है, जो कि ग़लत सूचना है.
रेड क्रॉस ने लोगों से ग़लत सूचनाओं को प्रसारित करने से बचने की अपील की है.
घटना की निंदा
धमाके के बाद शहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है. अब तक इस हमले की किसी ने ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
श्रीलंका के वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने ट्वीट किया है, "चर्चों और होटलों में ईस्टर संडे बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे गए हैं और ऐसा लगता है कि हत्या, अफरा तफरी और अराजकता फैलाने के लिए इसे बहुत व्यस्थित तरीके से अंजाम दिया गया है."
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे ने धमाकों की निंदा करते हुए इसे अमानवीय क़रार दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर हमले की निंदा की है.
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है, "मैं कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त से लगातार सम्पर्क में हूं. स्थितियों पर हम क़रीब से नज़र रखे हुए हैं."
चश्मदीद की आंखों देखी
घटना के एक चश्मदीद रौशन ने बीबीसी तमिल को बताया, "मैं अपने घर में था तभी मुझे टायर फटने जैसी आवाज़ आई, मैं घर से बाहर निकला तो मैंने धुएं का बड़ा गुबार देखा."
उन्होंने कहा, "हमने दो तीन ज़िंदा बचे लोगों को अस्पताल भेजा. मैं अंदर गया था, शायद वहां 100 लोगों की मौत हुई थी, वहां लोगों के अंगों के टुकड़ों पड़े हुए थे."
श्रीलंका में जबसे गृहयुद्ध समाप्त हुआ है, छिटपुट हिंसा की घटनाएं होती रही हैं.
बहुसंख्यक सिंहला बौद्ध मस्जिदों और मुसलमानों की सम्पत्ति को निशाना बनाते रहे हैं. इसकी वजह मार्च 2018 में इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी थी.