बीएसएफ ने गुपचुप कराया पोस्टमॉर्टम, बेटा बोला- सरकार बताए कैसे शहीद हुए हमारे पिता
अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में शहीद हुए बीएसएफ के हेड कॉन्स्टेबल नरेंदर सिंह का अंतिम संस्कार आज (20 सितंबर) हरियाणा के सोनीपत में राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया। उनके बेटे मोहित ने अपने पिता की शहादत पर गर्व जताया है मगर सरकार से पूछा है कि देश को बताया जाय कि उनके पिता कैसे शहीद हुए? मोहित ने पाकिस्तानी हमले के संबंध में अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का भी विवरण मांगा है। शहीद के परिजनों के अलावा ग्रामीणों में भी भारी रोष है। बता दें कि मंगलवार (18 सितंबर) को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सरकंडा काट रहे बीएसएफ जवानों पर पाक ने फायरिंग की थी। इस गोलीबारी में घायल जवान नरेंदर को पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) उठा ले गई थी और अगवा कर बर्बर तरीके से गोली मार दी थी।
पाकिस्तान की तरफ से हुई फायरिंग के 9 घंटे बाद जवान का शव खून से लथपथ हालत में मिला था। दुश्मनों ने कायराना और बर्बरता पूर्वक उनका गला रेत दिया था। पैर और कंधे भी काट दिए थे। आंख भी निकाल ली थी। इस तरह तड़पाने के दौरान उनके सीने पर तीन गोलियां भी दागी गई थीं। बीएसएफ ने आनन-फानन में चुपके-चुपके शहीद का पोस्टमार्टम करा दिया।
यह घटना तब हुई जब एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वहां से 10 किलोमीटर की दूरी पर मकवल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने के दो स्मार्ट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। सेना आतंकी घुसपैठ रोकने के लिए पाकिस्तान से सटी इंटरनेशनल बाउंड्री पर बाड़ लगाने का काम कर रही है।
पाकिस्तान की इस कायराना हरकत के खिलाफ बीएसएफ ने पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने अपना सख्त ऐतराज जताया है। बीएसएफ की तरफ से कहा गया है कि नरेंद्र कुमार सिंह और अन्य जवान माजरा पोस्ट के पास सरकंडा काट रहे थे तभी सीमा पार से फायरिंग हुई। उसके जवाब में बीएसएफ जवानों ने भी फायरिंग की लेकिन जब देखा कि नरेंद्र वहां नहीं हैं तो इसके लिए वहां सर्च अभियान चलाया मगर वो नहीं मिले। मंगलवार को देर शाम उनका शव क्षत-विक्षत हालत में बॉर्डर के पास मिला। बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक 1999 के बाद किसी बीएसएफ जवान का अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास इस तरह से गला रेतने का यह पहला मामला है। हालांकि, पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय जवानों के साथ कई बार बर्बरता किए जाने की घटनाएं हो चुकी हैं।
पाकिस्तान की तरफ से हुई फायरिंग के 9 घंटे बाद जवान का शव खून से लथपथ हालत में मिला था। दुश्मनों ने कायराना और बर्बरता पूर्वक उनका गला रेत दिया था। पैर और कंधे भी काट दिए थे। आंख भी निकाल ली थी। इस तरह तड़पाने के दौरान उनके सीने पर तीन गोलियां भी दागी गई थीं। बीएसएफ ने आनन-फानन में चुपके-चुपके शहीद का पोस्टमार्टम करा दिया।
यह घटना तब हुई जब एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वहां से 10 किलोमीटर की दूरी पर मकवल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने के दो स्मार्ट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। सेना आतंकी घुसपैठ रोकने के लिए पाकिस्तान से सटी इंटरनेशनल बाउंड्री पर बाड़ लगाने का काम कर रही है।
पाकिस्तान की इस कायराना हरकत के खिलाफ बीएसएफ ने पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने अपना सख्त ऐतराज जताया है। बीएसएफ की तरफ से कहा गया है कि नरेंद्र कुमार सिंह और अन्य जवान माजरा पोस्ट के पास सरकंडा काट रहे थे तभी सीमा पार से फायरिंग हुई। उसके जवाब में बीएसएफ जवानों ने भी फायरिंग की लेकिन जब देखा कि नरेंद्र वहां नहीं हैं तो इसके लिए वहां सर्च अभियान चलाया मगर वो नहीं मिले। मंगलवार को देर शाम उनका शव क्षत-विक्षत हालत में बॉर्डर के पास मिला। बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक 1999 के बाद किसी बीएसएफ जवान का अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास इस तरह से गला रेतने का यह पहला मामला है। हालांकि, पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय जवानों के साथ कई बार बर्बरता किए जाने की घटनाएं हो चुकी हैं।