जब देश स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा था, तब आसाराम कर रहे थे नाबालिग का बलात्कार
नाबालिग से बलात्कार के मामले में जोधपुर की अदालत ने धर्मगुरु आसाराम बापू को दोषी करार दिया है.
आसाराम के अलावा शिवा, शरतचंद्र, शिल्पी और प्रकाश इस मामले में अभियुक्त हैं.
फ़िलहाल आसाराम की सज़ा पर बहस चल रही है. जज सज़ा का एलान थो़ड़ी देर में कर सकते हैं.
शरत छिंदवाड़ा आश्रम के डायरेक्टर थे जहां नाबालिग लड़की पढ़ाई करती थी.
शिल्पी छिंदवाड़ा आश्रम की वॉर्डन थीं.
प्रकाश आसाराम के आश्रम के रसोइया हैं जबकि शिवा आसाराम के निजी सचिव हैं.
77 साल के आसाराम पर आरोप था कि जोधपुर के निकट मनाई आश्रम में साल 2013 में उन्होंने 16 साल की लड़की का रेप किया था. लड़की के माता-पिता आसाराम के भक्त थे.
एक दिन आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम के स्कूल में जब लड़की गिर गई थी तो माता-पिता आश्रम के अधिकारियों की सलाह पर इलाज के लिए आसाराम के जोधपुर आश्रम लेकर गए थे. पुलिस के मुताबिक लड़की के माता-पिता से कहा गया था कि लड़की पर भूत-प्रेत का साया है और उसका इलाज बाबा ही कर सकते हैं.
पुलिस के मुताबिक जब लड़की जोधपुर के आश्रम में पहुंची तो वहीं आसाराम ने उसके साथ बलात्कार किया था.
आसाराम एक अन्य महिला के बलात्कार के मामले में भी अभियुक्त हैं जिसका मुकदमा अलग से चल रहा है.
मामला
15 अगस्त 2013 को आसाराम के दुर्व्यवहार के बाद लड़की ने इसकी शिकायत दिल्ली 20 अगस्त को दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में की थी.
उसके बाद इस मामले को जोधपुर शिफ़्ट कर दिया गया और एफ़आईआर दर्ज की गई.
उसके बाद आसाराम को इंदौर में गिरफ़्तार किया गया. गिरफ़्तारी के बाद आसाराम के समर्थकों ने भारी हंगामा और प्रदर्शन किया था.
गिरफ़्तारी के बाद आसाराम की मर्दानगी का टेस्ट हुआ था जिसमें वो सफल पाए गए थे और फिर 2 सितंबर 2013 को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उसके बाद से ही वो जेल में हैं. आसाराम की तरफ़ से अब तक 12 ज़मानत याचिकाएं दायर की गई थीं जिनमें से एक को भी स्वीकार नहीं किया गया.
जोधपुर पुलिस ने मामले में नवंबर 2013 में आसाराम और चार अन्य लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की.
गवाहों पर हमले
साल 2014 में जब से इस मामले की अदालत में सुनवाई शुरू हुई, कई गवाहों पर आसाराम के समर्थकों ने हमले किए.
केस में कब-क्या हुआः 16 अगस्त को परिवार जोधपुर आश्रम से यूपी के शाहजहांपुर अपने घर रवाना होता है। घर पर बेटी मां-बाप से आपबीती बयां करती है तो उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। जिसे अपना सबकुछ मानते थे, उसी ने बेटी के साथ गलत काम किया। इस पर मां-बाप आसाराम से शिकायत करने के लिए दिल्ली रवाना होते हैं। उन्हें पता चलता है कि आसाराम का दिल्ली में कार्यक्रम है। 19 अगस्त को दिल्ली में पीड़ित परिवार ने आसाराम से मिलने की कोशिश की मगर चेलों ने नहीं मिलने दिया, उधर जब खबर आसाराम को लगी तो वह खिसक लिए। जिसके बाद 20 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ लड़की के मां-बाप ने केस दर्ज कराया। चूंकि घटना के वक्त लड़की 16 साल की नाबालिग थी, इस नाते आसाराम पर पॉक्सो एक्ट भी लगा।
पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 342,376,354 ए, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया। इसी तारीख को पुलिस ने नाबालिक का मेडिकल मुआयना कराया और फिर मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज हुए। चूंकि यह मामला हाईप्रोफाल रहा तो पुलिस ने भी जांच में तेजी दिखाई। अगले ही दिन 21 अगस्त को केस घटनास्थल यानी जोधपुर महिला थाने को ट्रांसफर हो गया। महज 15 दिन के बाद एक सितंबर2013 को पुलिस ने आसाराम को इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर लिया। करीब दो महीने बाद छह नवंबर को ही पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी। आठ नवंबर 2013 को हाई कोर्ट ने इस मामले की डे टू डे सुनवाई के आदेश दिए।