रायबरेली हादसा: मरने वालों की संख्या हुई 25, बम जैसा फूटा था बॉयलर
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एनटीपीसी के पॉवर प्लांट में हुए हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। गंभीर रूप से कई घायलों को गुरुवार सुबह तक लखनऊ भेजा जाता रहा। ब्लास्ट इतना जबर्दस्त था कि कुछ कर्मचारियों के चीथड़े उड़ गए। बताया जा रहा है कि बॉयलर जोरदार आवाज आई थी। इस बीच गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी रायबरेली पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मिल रहे हैं। मृतकों के पोस्टमार्टम के लिए 3 सदस्यीय कमिटी गठित की गई है।
यहां हुआ था हादसा
रायबरेली ऊंचाहार एनटीपीसी में 500 मेगावॉट की यूनिट नंबर 6 के बॉयलर का स्टीम पाइप फटने से बुधवार को हादसा हुआ था। अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी। इस दर्दनाक हादसे में 200 से ज्यादा वर्कर्स घायल हुए हैं। बुधवार शाम लगभग 4 बजे हुए इस ब्लास्ट के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने पूरे परिसर को घेर लिया था। घायलों को इलाज के लिए रायबरेली, इलाहाबाद के साथ लखनऊ भेजा गया।
गर्म राख के ढेर में दब गए कर्मचारी
बॉयलर में बन रही स्टीम का तापमान 500 डिग्री के आस-पास तक चला जाता है। उसका वायुदाब भी इतना होता है कि उसके संपर्क में आने पर इंसानी शरीर के चीथड़े उड़ जाएं। एक घायल मजदूर ने बताया कि हादसे के वक्त करीब 25 लोग बॉयलर के काफी करीब थे। बॉयलर फटते ही कई लोग वहीं राख के मलबे में दब गए। इनमें से कुछ के शरीर क्षत-विक्षत हो गए। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में गर्म राख के नाक और मुंह के रास्ते तेज रफ्तार से फेफड़ों तक पहुंच जाने से भी मौत हो सकती है। एक चश्मदीद ने हादसे की भयावहता को बयां करते हुए कहा कि ऐश पाइप से निकली राख से दस मीटर दूरी पर बॉयलर में मौजूद लोग मर-मर कर गिर रहे थे। चारों ओर धुआं-धुआं था। हवा में सिर्फ और सिर्फ राख ही तैरती दिख रही थी।
4 घायलों ने लखनऊ में तोड़ा दम
रायबरेली से लखनऊ लाए गए कमलेश व दिलीप को सिविल अस्पताल, अजीत को पीजीआई और जगलाल को ट्रॉमा सेंटर में मृत घोषित कर दिया गया। सिविल अस्पताल के एमएस डॉ. आशुतोष दूबे ने बताया कि बुधवार देर रात तक चंदन कुमार, वीरेंद्र कुमार, शंभू यादव, अरविंद, अमित लाल, अजय मेहता, नागेश और रामरतन सहित 29 घायल यहां भर्ती करवाए गए हैं। इनमें से 6 लोग 100 प्रतिशत झुलसे हुए हैं। दो मरीज 50 प्रतिशत तक झुलस गए हैं। एनटीपीसी के पांच एडिशनल जनरल मैनेजर मिश्रीलाल, संजीव शर्मा, धानु भुइया, प्रभास और सहदेव सिप्स बर्न स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में भर्ती हैं। यह सभी 80 प्रतिशत तक जल गए हैं। अशफाक, संतोष साहू, छोटू चौधरी, शिवशंकर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं।
'सातवीं मंजिल से खंभे के सहारे उतरकर बचाई जान'
कुछ मजदूरों ने बताया कि वे अपने काम में जुटे हुए थे। अचानक धमाका हुआ। कान सुन्न हो गए। कुछ समझ में आता उससे पहले हर तरफ राख थी। लोग दहशत में सातवीं मंजिल से एक खंभे के सहारे उतरे। राख की वजह से हर तरफ झुलसा देने वाली गर्मी थी।
रायबरेली पहुंचे राहुल गांधी
इससे पहले अमेठी से सांसद राहुल गांधी रायबरेली पहुंच गए हैं। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों को परिजनों से मुलाकात की। राहुल गांधी एनटीपीसी प्लांट भी देखने जाएंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री आरके सिंह और राज्य मंत्री श्रीकांत शर्मा के भी यहां पहुंचने की सूचना है। बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं लेकिन बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वह आ नहीं पा रही हैं।
डीएम ने बनाई कमिटी
डीएम संजय कुमार ने बताया कि उन्होंने एनटीपीसी में हुई घटना की जांच के लिए एक कमिटी गठित की है। इस कमिटी में मैजिस्ट्रेट और तकनीकी विशेषज्ञों को रखा गया है। यह कमिटी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी।
मौत से लड़ने का भी मौका नहीं मिला
रात करीब 9 बजे प्लांट के आसपास केवल सन्नाटा पसरा था। प्लांट के गेट पर सीआईएसएफ के जवान लगे थे। बेहद मुस्तैद। किसी को भीतर जाने की इजाजत नहीं थी। गांव के कुछ लोग जैसे ही इस तरफ आते, उन्हें खदेड़ा जाने लगता। शिफ्ट बदलने पर निकलने वाले मजदूरों में हादसे को लेकर दहशत साफ महसूस की जा सकती थी। यहां काम करके निकले बिहार के रहने वाले अशोक कुमार पहले तो कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए। गेट से कुछ दूर जाने के बाद बोले, यूनिट जिसमें हादसा हुआ, वह अब भी चल रही है। एक बॉयलर के नीचे 100 से 150 आदमी काम करते हैं, जबकि उस यूनिट में 300 से ज्यादा लोग एक बार में होते हैं। मजदूरों को अंदेशा है कि बॉयलर के नीचे काम करने वालों में शायद ही कोई बचा हो।
इन हेल्पलाइन नंबर्स पर कर सकते हैं संपर्क
0535-2703301, 2703401, 9454416654, 9451794127
यहां हुआ था हादसा
रायबरेली ऊंचाहार एनटीपीसी में 500 मेगावॉट की यूनिट नंबर 6 के बॉयलर का स्टीम पाइप फटने से बुधवार को हादसा हुआ था। अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी। इस दर्दनाक हादसे में 200 से ज्यादा वर्कर्स घायल हुए हैं। बुधवार शाम लगभग 4 बजे हुए इस ब्लास्ट के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने पूरे परिसर को घेर लिया था। घायलों को इलाज के लिए रायबरेली, इलाहाबाद के साथ लखनऊ भेजा गया।
गर्म राख के ढेर में दब गए कर्मचारी
बॉयलर में बन रही स्टीम का तापमान 500 डिग्री के आस-पास तक चला जाता है। उसका वायुदाब भी इतना होता है कि उसके संपर्क में आने पर इंसानी शरीर के चीथड़े उड़ जाएं। एक घायल मजदूर ने बताया कि हादसे के वक्त करीब 25 लोग बॉयलर के काफी करीब थे। बॉयलर फटते ही कई लोग वहीं राख के मलबे में दब गए। इनमें से कुछ के शरीर क्षत-विक्षत हो गए। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में गर्म राख के नाक और मुंह के रास्ते तेज रफ्तार से फेफड़ों तक पहुंच जाने से भी मौत हो सकती है। एक चश्मदीद ने हादसे की भयावहता को बयां करते हुए कहा कि ऐश पाइप से निकली राख से दस मीटर दूरी पर बॉयलर में मौजूद लोग मर-मर कर गिर रहे थे। चारों ओर धुआं-धुआं था। हवा में सिर्फ और सिर्फ राख ही तैरती दिख रही थी।
4 घायलों ने लखनऊ में तोड़ा दम
रायबरेली से लखनऊ लाए गए कमलेश व दिलीप को सिविल अस्पताल, अजीत को पीजीआई और जगलाल को ट्रॉमा सेंटर में मृत घोषित कर दिया गया। सिविल अस्पताल के एमएस डॉ. आशुतोष दूबे ने बताया कि बुधवार देर रात तक चंदन कुमार, वीरेंद्र कुमार, शंभू यादव, अरविंद, अमित लाल, अजय मेहता, नागेश और रामरतन सहित 29 घायल यहां भर्ती करवाए गए हैं। इनमें से 6 लोग 100 प्रतिशत झुलसे हुए हैं। दो मरीज 50 प्रतिशत तक झुलस गए हैं। एनटीपीसी के पांच एडिशनल जनरल मैनेजर मिश्रीलाल, संजीव शर्मा, धानु भुइया, प्रभास और सहदेव सिप्स बर्न स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में भर्ती हैं। यह सभी 80 प्रतिशत तक जल गए हैं। अशफाक, संतोष साहू, छोटू चौधरी, शिवशंकर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं।
'सातवीं मंजिल से खंभे के सहारे उतरकर बचाई जान'
कुछ मजदूरों ने बताया कि वे अपने काम में जुटे हुए थे। अचानक धमाका हुआ। कान सुन्न हो गए। कुछ समझ में आता उससे पहले हर तरफ राख थी। लोग दहशत में सातवीं मंजिल से एक खंभे के सहारे उतरे। राख की वजह से हर तरफ झुलसा देने वाली गर्मी थी।
रायबरेली पहुंचे राहुल गांधी
इससे पहले अमेठी से सांसद राहुल गांधी रायबरेली पहुंच गए हैं। उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों को परिजनों से मुलाकात की। राहुल गांधी एनटीपीसी प्लांट भी देखने जाएंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री आरके सिंह और राज्य मंत्री श्रीकांत शर्मा के भी यहां पहुंचने की सूचना है। बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं लेकिन बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वह आ नहीं पा रही हैं।
डीएम ने बनाई कमिटी
मौत से लड़ने का भी मौका नहीं मिला
रात करीब 9 बजे प्लांट के आसपास केवल सन्नाटा पसरा था। प्लांट के गेट पर सीआईएसएफ के जवान लगे थे। बेहद मुस्तैद। किसी को भीतर जाने की इजाजत नहीं थी। गांव के कुछ लोग जैसे ही इस तरफ आते, उन्हें खदेड़ा जाने लगता। शिफ्ट बदलने पर निकलने वाले मजदूरों में हादसे को लेकर दहशत साफ महसूस की जा सकती थी। यहां काम करके निकले बिहार के रहने वाले अशोक कुमार पहले तो कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए। गेट से कुछ दूर जाने के बाद बोले, यूनिट जिसमें हादसा हुआ, वह अब भी चल रही है। एक बॉयलर के नीचे 100 से 150 आदमी काम करते हैं, जबकि उस यूनिट में 300 से ज्यादा लोग एक बार में होते हैं। मजदूरों को अंदेशा है कि बॉयलर के नीचे काम करने वालों में शायद ही कोई बचा हो।
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0535-2703301, 2703401, 9454416654, 9451794127