ममता को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, पूछा-संसद के कानून को कैसे चुनौती दे सकता है राज्य
आधार को मोबाइल सिम से जुड़ने के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राज्य सरकार कैसे केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कानून को चुनौती दे सकती है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी को इस मामले में अलग से कोर्ट में याचिका दाखिल करनी चाहिए लेकिन केंद्र के उस कानून को वे कैसे चुनौती दे सकती हैं जिसमें संशोधन कर संसद में पास किया जा चुका है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल कंपनियों को भी नोटिस जारी किया है। ममता बनर्जी के अलावा कई लोगों ने मोबाइल को आधार से जोड़ने के विरुध कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसके बाद कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार के समक्ष कुछ जरुरी सवाल उठाए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार के मोबाइल को आधार से जोड़ने के फैसले का कड़ाई से विरोध करते हुए कहा कि अगर उनका कनेक्शन काट भी दिया गया तो भी वह दूरसंचार कंपनी को अपना आधार संख्या नहीं देंगी। उन्होंने पार्टी के विस्तारित कोर समिति की बैठक में यहां कहा, “यह लोगों की निजता में दखल देने की केंद्र सरकार की रणनीति है। मुझे लगता है कि हमें मोबाइल कंपनियों को आधार संख्या नहीं देना चाहिए।” ममता ने कहा, “अगर इसके लिए हमारे मोबाइल कनेक्शन काट दिए जाए, तो ऐसा होने दो। मैं चुनौती देती हूं कि मैं अपना आधार संख्या नहीं दूंगी चाहे मेरा कनेक्शन काट दिया जाए। मुझे इसकी चिंता नहीं है।”
इस पहल को लोगों के निजता में अतिक्रमण बताते हुए तृणमूल प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों की निजी जिंदगी में हस्तक्षेप कर रही है और उनकी स्वतंत्रता को समाप्त कर रही है। बनर्जी ने कहा, “सुरक्षा कारणों से आधार बैंकों के लिए जरूरी हो सकता है, लेकिन वे लोग मोबाइल फोन कनेक्शन के लिए भी आधार संख्या मांग रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि पति और पत्नी के बीच निजी बातचीत को भी टेप किया जा सकता है। लोगों के निजता के अधिकार को समाप्त किया जा रहा है। इस सरकार के अधीन लोगों को कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, “सरकार को हमारे सभी निजी सूचनाओं तक पहुंच बनाने का कोई अधिकार नहीं है। अब आगे वे क्या करने वाले हैं? दूरसंचार विभाग ने मार्च में इस वर्ष सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को अपने मौजूदा ग्राहकों से आधार और बायोमेट्रिक जानकारी के साथ दोबार सत्यापित करने के निर्देश दिए थे। इन कंपनियों को अगले वर्ष की शुरुआत तक यह काम कर लेने के लिए कहा गया है।