मुंबई भगदड़: 22 लोगों की जान पर भारी पड़ गई एक अफवाह

इस भीषण हादसे की वजह ओवरब्रिज टूटने की अफवाह बताई जा रही है। चश्मदीदों के मुताबिक बारिश के बीच ब्रिज टूटने की अफवाह के बाद मची अफतराफरी जानलेवा भगदड़ में बदल गई। भगदड़ की एक वजह ओवर ब्रिज का संकरा होना भी बताया जा रहा है। यात्रियों के मुताबिक पुल को लंबे समय से चौड़ा किए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन इस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया।

घटनास्थल पर मौजूद यात्री हादसे के खौफनाक मंजर को भी बयां कर रहे हैं। एक यात्री किशोर ठक्कर ने बताया कि भगदड़ के बाद एक के ऊपर एक लाशें और घायल पड़े हुए थे। हमने उन्हें उठाया और वाहनों तक ले गए। वहीं एक अन्य यात्री ने बताया, 'ब्रिज के ऊपर से पब्लिक गुजर रही थी। बारिश की वजह से पब्लिक रुक गई और भीड़ बढ़ती चली गई। इसके बाद धक्का-मुक्की शुरू हो गई और भगदड़ मच गई। जहां-तहां लाशें और घायल लोग पड़े हुए थे। पुलिस और रेलवे के अधिकारी मौके पर तब पहुंचे, जब वहां से पब्लिक लाशें उठा चुकी थी।'
बता दें कि मुंबई में इस समय भारी बारिश जारी है। इसी बीच कहीं से यह अफवाह फैल गई कि स्टेशन पर शॉर्ट सर्किट हो गया है। अफवाह के बाद लोगों में अफरातफरी मच गई और फुट ओवर ब्रिज से गिरकर अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि लगभग एक ही समय पर 4 ट्रेनों के आने के चलते यह भगदड़ मची थी। हादसे की ये वजहें बताई जा रही हैं-


शॉर्ट सर्किट 
भारी बारिश के बीच ही शॉर्ट सर्किट होने की अफवाह फैल गई। हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अफवाह की वजह से लोगों में अफरातफरी मच गई और लोग अचानक इधर-उधर भागने लगे। बारिश से बचने के लिए लोग ब्रिज पर ही खड़े हुए थे। 

फुटओवर ब्रिज टूटने की बातचश्मदीदों ने बताया कि इस दौरान लोगों को अचानक से समझ में नहीं आया कि किधर जाना है। इसी दौरान वहां पर फुटओवर ब्रिज के टूटने का हल्ला मच गया और लोगों में भगदड़ मच गई। 
ज्यादा भीड़ शुक्रवार को छुट्टी होने की वजह से स्टेशन पर भीड़ ज्यादा थी और लोग काफी अधिक संख्या में स्टेशन पर मौजूद थे। इस वजह से यह हादसा काफी बड़ा हो गया। 

फौरन राहत कार्य में जुटे लोग घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर हुए हादसे के बाद वहां मौजूद लोग ही फौरन राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। पुलिस और अस्पताल की कोई भी सुविधा पहुंचने तक लोगों ने खुद ही घायलों की मदद की। घटनास्थल पर मौजूद एक यात्री किशोर ठक्कर ने हादसे के खौफनाक मंजर को बयां करते हुए बताया कि भगदड़ के बाद एक के ऊपर एक लाशें और घायल पड़ी हुई थीं। हमने उन्हें उठाया और वाहनों तक ले गए। 

पहले भी की जा चुकी है पुल को दुरुस्त करने की मांग शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन पर सीधे उंगली उठ रही है। एलफिन्सटन रोड स्टेशन के फुटओवर ब्रिज की खस्ता हालत को सुधारने के लिए पहले भी मांग हो चुकी है। 

8 महीने में हुईं 410 मौतें
जनवरी से अगस्त के बीच 410 लोगों की मौत चलती ट्रेन से गिरकर हो चुकी है। यह आंकड़े सिर्फ शहर के सबरबन रेल नेटवर्क के हैं, जबकि 931 लोग घायल हो चुके हैं। जबकि सबरबन रेल नेटवर्क के सेंट्रल रेलवेज में 259 लोगों की मौत और 504 लोगों का चलती ट्रेन से गिरकर घायल होना दर्ज है। 

ठाणे और डोम्बिवली के बीच 47 लोगों मौत और 127 लोग घायल हो चुके हैं। ठाणे और डोम्बिवली के बीच ही बुधवार को तीन हादसे हुए। रेलवे मिनिस्टर ने लगभग दो साल पहले एक हाई लेवल कमिटी बनाई थी जिसे ट्रेन में ओवर क्राउड होने पर रिपोर्ट तैयार करनी थी लेकिन अधिकारियों ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। 

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