हाई कोर्ट ने खट्टर सरकार को फिर लगाई फटकार, कहा- वोट के लिये राज्य को जलने दिया

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लगातार दूसरे दिन हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाई।
पंचकूला और सिरसा में हुई आगजनी-तोड़फोड़ की घटनाओं से नाराज कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए यह हिंसा होने दी गई। कोर्ट ने दो टूक कहा कि कोई भी संगठन अगर लॉ ऐंड ऑर्डर के खिलाफ जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अब हाई कोर्ट मंगलवार को दोबारा से सुनवाई करेगा। बता दें कि पंचकूला की अदालत ने शुक्रवार को डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को रेप का दोषी करार दिया था। इसके बाद भड़की हिंसा में पंचकूला और सिरसा में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई।
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब डेरा प्रमुख के साथ आने वाली गाड़ियों की संख्या तय थी तो 100 से ज्यादा कारें उनके काफिले में कैसे पहुंच गईं? अदालत को राज्य सरकार ने जानकारी दी कि अधिकारियों ने ऐसा बताया था। इससे नाराज कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार उन अधिकारियों के नाम सार्वजनिक करे जिन्होंने सरकार को गुमराह किया। बता दें कि कोर्ट ने शुक्रवार को भी राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पूछा था कि इंटेलिजेंस इनपुट्स होने के बावजूद सरकार ने भीड़ को काबू करने के लिए पर्याप्त कदम क्यों नहीं उठाए? धारा 144 लागू होने के बावजूद इतनी बड़ी तादाद में लोग पंचकूला कैसे पहुंच गए?
कोर्ट ने हिंसा में हुए नुकसान पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जिन लोगों ने नुकसान किया है, उनकी पहचान की जाए। इसके बाद, उनकी प्रॉपर्टी कुर्क की जाए ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके। कोर्ट ने साफ किया कि हिंसा में जिनका भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जाएगी। इसके लिए अदालत ने कहा कि डेरा की सारी संपत्तियां सील कर दी जाएं। संपत्तियों की एक पूरी लिस्ट तैयार हो, जिसे अगले आदेश तक बेचा या ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, पंजाब और हरियाणा के डेप्युटी कमिश्नर लोगों को हुए नुकसान के लिए क्लेम पिटिशन लेंगे और उसे जज के सामने पेश करेंगे ताकि नुकसान का आकलन का किया जा सके। 

अधिकारियों पर होगी कार्रवाईकोर्ट ने धारा 144 लगने के बावजूद पंचकूला में लाखों लोगों के जुटने पर भी राज्य सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि जब सोमवार को राम रहीम की सजा की अवधि का ऐलान किया जाएगा, उस दौरान किसी तरह की हिंसा रोकने की व्यवस्था बनाई जाए। माना जाना है कि अब सरकार अपना चेहरा बचाने के लिए कुछ पुलिस और सीआईडी अधिकारियों पर सस्पेंशन की कार्रवाई कर सकती है। इसके अलावा, इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है। 

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