गुजरात राज्यसभा चुनाव: अमित शाह की रणनीति फेल, कांग्रेसी चाणक्य अहमद पटेल जीते, चुनाव आयोग में भी बीजेपी की हार
गुजरात राज्यसभा चुनाव 2017 में मंगलवार (8 अगस्त) की रात को नाटकीय ढंग से घटनाक्रम बदले और तीसरी सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल जीत गए। तीन राज्यसभा सीटों में से दो पर भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत हुई लेकिन इन दोनों की जीत की खुशी तीसरी सीट पर हुई हार के आगे फीकी पड़ गई। आखिर तक किसी को नहीं पता था कि तीसरी सीट जिसपर अहमद पटेल और बीजेपी की तरफ से बलवंत राजपूत आमने-सामने थे उसपर कौन जीतेगा। सारा विवाद दो कांग्रेसी विधायकों के वोट को लेकर खड़ा हुआ। दरअसल दोनों ने अपना वोट डालने के बाद यह दिखा दिया था कि उन्होंने किसको वोट दिया। इसपर कांग्रेस ने हंगामा कर दिया।
कांग्रेस का कहना था कि दोनों ने वोट की गोपनीयता का उल्लंघन किया है इसके चलते दोनों (भोलाभाई गोहिल और राघवजी भाई पटेल) का वोट कैंसल होना चाहिए। इस चीज के लिए कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंच गई। इसी बीच वोटों की गिनती रुकवा दी गई। फिर आधी रात तक दोनों ही दलों के बड़े-बड़े नेता चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचने लगे। दोनों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी जा रही थी।
लेकिन अंत में चुनाव आयोग ने दोनों के वोट को खारिज कर दिया। आयोग ने निर्वाचन अधिकारी से कांग्रेस विधायक भोलाभाई गोहिल और राघवजी भाई पटेल के मतपत्रों को अलग करके मतगणना करने को कहा। आयोग के आदेश के अनुसार मतदान प्रक्रिया का वीडियो फुटेज देखने के बाद पता चला कि दोनों विधायकों ने मतपत्रों की गोपनीयता का उल्लंघन किया था। वोटों की गिनती रात को एक बजे शुरू हुई और लगभग दो बजे नतीजे आए। जीत के बाद अहमद पटेल ने ट्वीट कर ‘सत्यमेव जयते’ लिखा। उन्होंने कांग्रेस का साथ देने वाले सभी लोगों का शुक्रिया भी किया।
यह सीट अमित शाह और अहमद पटेल के लिए नाक का सवाल बन गई थी। दोनों को ही अपनी-अपनी पार्टी का ‘चाणक्य’ कहा जाता है। लेकिन अंत में बीजेपी दो सीट जीतकर भी खुश नहीं थी और चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कह रही थी।
पटेल मतदान के बाद चली गई एक सही चाल से जीत गए, वरना एक वोट से होती हार
कांग्रेस और बीजेपी के लिए गुजरात के राज्य सभा की तीन सीटों का चुनाव नाक की लड़ाई बन चुके थे। दांव पर वरिष्ठ कांग्रेसी और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल की कुर्सी थी। राज्य सभा चुनाव की घोषणा के साथ ही गुजरात में भारी उठापटक शुरू हो गई थी। आधा दर्जन कांग्रेसी विधायक बीजेपी के पाले में चले गए। कांग्रेस को अपने 44 विधायकों को लेकर कर्नाटक जाना पड़ा और वो चुनाव से एक दिन पहले ही गृह राज्य वापस लौट पाए। मंगलवार (आठ अगस्त) को चुनाव के दिन भी उलटफेर जारी रहा। लेकिन अहमद पटेल आखिरकार चुनाव जीतने में सफल रहे। चुनाव नतीजों से जाहिर है कि लड़ाई कांटे की थी। अहमद पटेल बाल-बाल ही हारने से बचे।
अहमद पटेल ने चुनाव जीतने के बाद ट्विटर पर “सत्यमेव जयते” लिखा। अहमद पटेल चुनाव हार गए होते अगर चुनाव आयोग ने कांग्रेस की गुजरात के दो विधायकों के वोट को रद्द करने की मांग को स्वीकार न किया होता। कांग्रेस ने दावा किया था कि दो बागी कांग्रेसी विधायकों ने अपना वोट बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को दिखा दिया था। चुनाव आयोग ने कांग्रेस के दावे को स्वीकार कर लिया। इस तरह कांग्रेस के इस एक फैसले से अहमद पटेल की जीत संभव हो पाई। मंगलवार को गुजरात के 182 में से 176 विधायकों ने वोट दिया। दो विधायकों के वोट अवैध घोषित हो जाने के बाद अंतिम मुकाबला 174 वोटों के आधार पर हुआ। यानी अब जीत के लिए पहले के 45 की जगह केवल 44 विधायकों के वोट की जरूरत रह गई। अहमद पटेल को ठीक 44 वोट ही मिले।
कांग्रेस के गुजरात में कुल 51 विधायक हैं लेकिन इनमें से 44 विधायक ही कर्नाटक के रिसॉर्ट गए थे। कांग्रेस को उम्मीद थी कि ये सभी विधायक उसे वोट देंगे लेकिन इनमें से केवल 43 विधायकों ने ही अहमद पटेल को वोट दिया। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि किस एक अन्य विधायक ने अहमद पटेल को वोट दिया जिससे उनकी जीत हो पाई। पटले को जनता दल (यू) के एकमात्र विधायक छोटूभाई वासवा और शरद पवार की एनसीपी के दो विधायकों के समर्थन की उम्मीद थी।