बाबा राम रहीम बलात्कारी करार, हाथ जोड़े गए हिरासत में, 28 को होगा सजा का एलान

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न के मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने बाबा राम रहीम को दोषी करार दे दिया है।
इस महीने की 28 तारीख को सजा का ऐलान होगा। बाबा राम रहीम पर एक साध्वी ने बलात्कार का आरोप लगाया था। 2002 मई में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए डेरे की एक साध्वी ने गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भेजा था। इसकी एक प्रति पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई। वाजपेयी ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
फैसले के मद्देनजर कोर्ट को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इससे पहले राम रहीम सिरसा से 800 गाड़ियों के साथ निकले थे। राम रहीम के लाखों की संख्या में भक्त पंचकुला पहले ही पहुंच चुके हैं। पुलिस को भीड़ के हिंसक होने की आशंका है। पंचकुला में मौजूद ज्यादातर समर्थकों के हाथ में डंडे आदि भी हैं। पुलिस ने भीड़ को काबू करने की पूरी कोशिश कर रखी है। वहीं राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए न्यायपालिका ने भी चिंता जताई है और सख्त हिदायतें दी हैं।
कोर्ट पहुंचने से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने एक वीडियो जारी कियासमें वें अपने समर्थकों को घर वापस जाने को बोल रहे हैं। बाबा राम रहीम इस वीडियो में अपने समर्थकों से घर वापस जाने और कानून का पालन करने की अपील की थी। इस वीडियो में बाबा अपने समर्थकों से कह कह रहे हैं कि वे सभी कानून का सम्मान करें और शांति बनाए रखें। लेकिन समर्थक हैं कि मान ही नहीं रहे वे देर रात तक पंचकुला की सड़कों पर बैठे हैं। महिलाओं से लेकर बच्चे भी पंचकुला पहुंच गए हैं।
मीडिया वालों ने जब बाबा के समर्थकों को वापस जाने को कहा कि उन्होंने साफ तौर पर मना करते हुए कहा कि वे कुछ गलत काम नहीं कर रहे हैं। समर्थक बाबा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने को भी तैयार हैं। समर्थकों का कहना है कि वे तब तक घर वापस नहीं जाएंगे जब तक उन्हें बाबा के दर्शन नहीं होंगे।

उस रेप केस की पूरी कहानी, जिसमें गुरमीत राम रहीम फंसे हुए हैं


बाबा राम रहीम की असली कहानी

गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां. एक शख्स जो भारत के दो राज्यों – पंजाब और हरियाणा में निर्विवाद रूप से सबसे पोलराइज़िंग फिगर. कुछ लोगों के लिए वो ‘पिताजी’ हैं. उन पर कोई आंच आने पर वो ‘कुछ भी करने’ को तैयार रहते हैं, और दूसरे वो, जिनके लिए बाबा एक विवादित धर्मगुरू हैं, जो हास्यास्पद फिल्में बनाते हैं, जिन पर बने मीम वो सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं.
इसलिए ज़रूरी है कि राम रहीम की कहानी दोनों ढंग से कही जाए. शुरूआत हम पहले पक्ष से करेंगे.
गुरमीत सिंह राम रहीम इंसां कैसे बने?
सिरसा वाले बताते हैं कि उनका शहर दो हिस्सों में बंटा हुआ है – एक वो जहां आम लोग रहते हैं, और दूसरा वो जहां डेरा सच्चा सौदा के कट्टर समर्थक रहते हैं. ज़्यादातर डेरा 700 एकड़ के कैंपस के आसपास. डेरा आज सिरसा की पहचान है. लेकिन खुद राम रहीम सिरसा से नहीं हैं. उनकी पैदाइश राजस्थान के श्रीगंगानगर की है, तारीख थी 15 अगस्त 1967. जमींदार मगहर सिंह और नसीब कौर की इकलौती औलाद गुरमीत सिंह (जन्म के समय उनका नाम यही था) की ज़ाती ज़िंदगी में ऐसा कुछ नहीं जो डेरा से हट कर हो, और उसका ज़िक्र किया जाए. हो भी नहीं सकता था क्योंकि गुरमीत सिंह सात साल के ही थे जब उन्हें डेरा सच्चा सौदा के तब के प्रमुख शाह सतनाम सिंह ने अपनी शरण में ले लिया था.
सतनाम ने ही उन्हें वो नाम दिया जिससे वो आज जाने जाते हैं – गुरमीत राम रहीम सिंह. इसलिए आज से पलट कर पीछे देखने पर हम यही पाते हैं कि राम रहीम की कहानी डेरा सच्चा सौदा की कहानी है.
डेरा सच्चा सौदा काफी पुराना है. आज़ादी के अगले ही साल 29 अप्रैल 1948 को शाह मस्ताना जी महाराज ने डेरा की स्थापना सिरसा में की. मस्ताना के बाद आए राम रहीम के सिर पर हाथ रखने वाले शाह सतनाम सिंह. सतनाम सिंह के ज़माने में डेरा में देशी के साथ-साथ विदेशी अनुयायी भी आने लगे. 23 सितंबर 1990 को एक जलसे में सतनाम सिंह ने ऐलान किया कि उनके बाद डेरा प्रमुख होंगे गुरमीत राम रहीम. राम रहीम उस वक्त 23 बरस के बांके नौजवान थे.
इस चीज़ ने लोगों का ध्यान खींचा. डेरा सच्चा सौदा (और दूसरे डेरों में भी) परंपरा ये थी कि एक प्रमुख के जाने के बाद उनकी वसीयत पढ़ी जाती थी, जिसमें उनके उत्तराधिकारी का नाम होता था. राम रहीम अपने गुरू के रहते उत्तराधिकारी बना दिए गए थे. इसके बाद गुरमीत राम रहीम ने अपने नाम के आगे इंसां लगाना शुरू किया.
संत हैं गृहस्थ हैं
राम रहीम को मानने वालों के लिए राम रहीम संत हैं. लेकिन राम रहीम की अपनी गृहस्थी भी है. उनकी दो बेटियां हैं – चरणप्रीत और अमरप्रीत. एक बेटा भी है जिसकी शादी भटिंडा के विधायक रहे हरमिंदर सिंह जस्सी की बेटी से हुई है. इनके अलावा रामरहीम की एक गोद ली बेटी हैं हनीप्रीत. चरणप्रीत और अमरप्रीत के पति डॉक्टर शान ए मीत इंसां और रूह ए मीत इंसां डेरे से ही जुड़े हुए हैं.
राम रहीम और राजनीति
अपने यहां लोगों में धर्म और आध्यात्म की भूख इतनी है कि बाबाओं का पनपना आम है. लेकिन राम रहीम जहां पहुंचे हैं, वो कम ही लोग कर पाते हैं. कम ही बाबा होंगे जिनके अनुयायी उन्हें ‘पिताजी’ कहते हों. ये बात कहने भर की नहीं है. रेप केस में फैसला आने को था तो उनके अनुयायियों ने साफ कहा कि राम रहीम को ‘कुछ हुआ’ तो वो कुछ भी कर गुज़रेंगे. इन कट्टर अनुयायियों की संख्या लाखों में है. डेरा अपनी ओर से इनकी संख्या करोड़ों में बताता है.
इतने कट्टर समर्थकों का एक बड़ा बेस राजनेताओं को भी खींचता है. और राम रहीम राजनेताओं से दूर रहने का कोई प्रयास नहीं करते. हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले अमित शाह राम रहीम से मिलने गए थे. इसके हफ्ते भर के अंदर भाजपा के 90 में से 44 उम्मीदवार राम रहीम से मिलने सिरसा गए थे. इस बार के हरियाणा और पंजाब विधानसभा चुनावों में डेरा सच्चा सौदा ने भाजपा और अकाली दल के लिए खुलकर समर्थन का ऐलान किया था. लगभग ढाई दशक में ये पहली बार था कि डेरा ने खुल कर किसी राजनैतिक दल का समर्थक किया था. राम रहीम की ‘गुफा’ के अंदर जाने वाले बताते हैं कि वहां कई बड़े नेताओं के राम रहीम के चरण छूते कई फोटो हैं. इसमें लगभग साभी पार्टियों के नेता हैं.
डेरा और उसकी सल्तनत
डेरा सच्चा सौदा का सिरसा का कैंपस 700 एकड़ में फैला है. इसके अलावा डेरा के देशभर में 50 के लगभग और आश्रम हैं. कुछ आश्रम अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कैनेडा में भी हैं. डेरा का एक स्कूल है जहां से राम रहीम के बच्चे भी पढ़े हैं. सिरसा में एक अस्पताल है जहां गरीबों का सस्ता इलाज किया जाता है. 175 बिस्तरों वाला एक अस्पताल श्रीगंगानगर में भी है. न्यूज़ वेबसाइट फर्सटपोस्ट के मुताबिक डेरा का एक मार्केट कॉम्प्लेक्स और गैस स्टेशन भी है. इस पूरी जायदाद का रख-रखाव एक ट्रस्ट के ज़रिए होता है जिसके प्रमुख राम रहीम हैं.
डेरा सच्चा सौदा खुले तौर पर दान स्वीकार नहीं करता. इसलिए इस जायदाद का सटीक स्रोत मालूम नहीं चलता.
ऐसे बनते हैं डेरा के ‘प्रेमी’
डेरा सच्चा सौदा की फिलॉसफी कुछ-कुछ ‘सबका मालिक एक’ जैसी है. डेरा कहता है कि वो सभी धर्मों को एक करने की ओर काम कर रहा हैं. लेकिन बावजूद इसके डेरा अपने आप में एक पंथ चला रहा है. डेरा से जुड़ने वाले अनुयायी ‘प्रेमी’ कहलाते हैं. प्रेमी बनने की एक पूरी प्रक्रिया है. इसमें पहले ‘जाम’ पिलाया जाता है. ये एक तरह का पानी होता है. इसके बाद होता है ‘नामदान’. ये वैसा ही होता है जैसे हम गुरूमंत्र लेते हैं. हर अनुयायी को चार-पांच शब्दों का एक कॉम्बिनेशन मिलता है जिसका उसे मंत्र की तरह जाप करना होता है. ये उस अनुयायी के लिए सिमरन होता है. इसके बाद एक ‘1’ लिखा एक लॉकेट पहनाया जाता है. इस लॉकेट में 1 के आंकड़े में हर धर्म का चिह्न बना होता है. इसके बाद अनुयायी से उसका सरनेम छोड़कर उसकी जगह ‘इंसा’ लगाने को कहा जाता है. इसके बाद अनुयायी डेरा का प्रेमी बन जाता है.
बाकी आध्यात्मिक संस्थानों की तरह डेरा भी समाजसेवा के छोटे-मोटे काम जैसे ब्लड डोनेशन वगैरह करवाता रहता है. अलग-अलग जगह होने वाले राम रहीम के प्रवचनों (जिन्हें ‘नामचर्चा’ कहा जाता है) में काफी भीड़ जुटती है.


राम रहीम के कल्ट को नकारना मुश्किल है. क्योंकि इस कल्ट में लाखों लोग मानते हैं. लेकिन एक दूसरी जमात भी है जो राम रहीम को संशय की नज़र से देखती है.
गॉडफादर नॉवेल लिखने वाले मारियो पुज़ो ने लिखा था, Behind every great fortune, there is a crime. डेरा सच्चा सौदा के बारे में ये कई लोगों को ये बात सही लगती है. डेरा एक के बाद एक विवादों से जुड़ा रहा है और कई संगीन अपराधों में डेरे के लोगों पर आरोप भी लगे हैं-
# 1998 में डेरा की जीप से कुचलकर गांव बेगू के एक बच्चे की मौत हो गई थी. गांव वालों से डेरा वालों का विवाद हो गया था. इसकी खबरें छापने पर एक स्थानीय अखबार के स्टाफ को डेरा के लोग धमकाने चले गए थे.
# इसके बाद 2002 में गुरमीत राम रहीम पर आश्रम में साध्वियों के रेप का इल्ज़ाम लगा. इसी साल आश्रम के एक मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या हुई और फिर साध्वियों के रेप की खबर छापने वाले एक अखबार के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या हो गई. हत्या के इन दोनों मामलों में राम रहीम आरोपी हैं.
# मई 2007 में बठिंडा के डेरा सलावतपुरा में राम रहीम ने सिख गुरु गोबिंद सिंह जैसे कपड़े पहनकर तस्वीरें खिंचवाई. इन तस्वीरों के अखबारों में छपने से सिख आहत हुए. पंजाब और दूसरी जगहों पर सिखों और डेरे के अनुयायियों में टकराव हुआ. डेरे के एक प्रेमी की चलाई गोली से एक सिख लड़के कोमल सिंह की मौत हो गई. इसके बाद पंजाब में राम रहीम की गिरफ्तारी के लिए काफी प्रदर्शन हुए थे.
# 2010 में डेरा के ही पूर्व साधु राम कुमार बिश्नोई ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर डेरा के पूर्व मैनेजर फकीर चंद की गुमशुदगी की सीबीआई जांच की मांग की. बिश्नोई का आरोप था कि डेरा प्रमुख के आदेश पर फकीरचंद की हत्या कर दी गई. इस मामले में भी उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. बौखलाए डेरा प्रेमियों ने हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में एक साथ सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाया. सीबीआई जांच के दौरान मामले में सुबूत नहीं जुटा पाई और क्लोज़र रिपोर्ट फाइल कर दी. बिश्नोई ने उच्च न्यायालय में क्लोज़र को चुनौती दे रखी है.
# 17 जुलाई, 2010 को फतेहाबाद के रहने वाले हंसराज चौहान (पूर्व डेरा साधु) ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर राम रहीम पर पर डेरा के 400 साधुओं को नपुंसक बनाने का आरोप लगाया. चौहान का कहना था कि राम रहीम के कहने पर डेरा के चिकित्कों की टीम द्वारा साधुओं को नपुंसक बनाया जाता है. इन साधुओं को नपुंसक बनाने के बाद भगवान के दर्शन होने की बात कही जाती है.
चौहान ने कोर्ट में इसके शिकार बने 166 साधुओं के नाम भी पेश किए थे. चौहान ने अपनी याचिका में बताया था कि रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में आरोपी निर्मल और कुलदीप भी डेरा सच्चा सौदा के नपुंसक साधु थे. कोर्ट के आदेश पर छत्रपति मर्डर केस में जेल में बंद डेरा के साधुओं से पूछताछ हुई जिसमें उन्होंने भी स्वीकार किया कि वे नपुंसक हैं लेकिन वे अपनी मर्जी से बने हैं. चौहान ने ये भी बताया गया था कि डेरा के एक साधु विनोद नरूला ने राम रहीम की पेशी के समय सिरसा न्यायालय में स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या की थी. वह साधु भी नपुंसक ही था.
(स्रोत – ‘पूरा सच’ चलाने वाले रामचंद्र प्रजापति के बेटे अंशुल प्रजापति)
एंटरटेनर बाबा
ऊपर लिखी चीज़ों के चलते राम रहीम के चर्चे थे. लेकिन वो इंटरनेट पर सेलेब्रेटी तब बने जब 2015 में उनकी पहली फिल्म एमएसजीः मैसेंजर ऑफ गॉड आई. बाबा के भौकाल के इर्द गिर्द बनी इस फिल्म पर खूब मीम बने. इसी साल एमएसजी-2 द मैसेंजर आई. 2016 में आई एमएसजीः द वारियर लायन हार्ट. 2017 में अब तक राम रहीम की दो फिल्में आ चुकी हैं – ‘हिंद का नापाक को जवाब- एमएसजी लायन हार्ट-2’ और जट्टू इंजीनियर.
राम रहीम इन फिल्म में लीड एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, लिरिसिस्ट, कंपोज़र सब कुछ होते हैं. ये फिल्में किसी आम दर्शक के लिए वाहियात से कम कुछ नहीं होतीं. लेकिन बाबा के अनुयायी इन्हें देखते हैं और कुछ फिल्मों का कलेक्शन 100 करोड़ के ऊपर भी गया है. फिल्मों से पहले 2012 से 2014 तक राम रहीम ने छह म्यूज़िक एल्बम बनाए जो यूनिवर्सल ने रिलीज़ किए थे.

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