सृजन घोटाले के राज जानने वाले नवीन की भी मौत, क्या सृजन बिहार का व्यापम है?
सृजन महिला विकास सहयोग समिति के किंगपिन नवीन के मौत की भी खबर मिली है।
सृजन की सचिव रहीं मनोरमा देवी का वह बहुत खास था। 20 दिन पूर्व हाजीपुर के रहने वाले नवीन को दिल का दौरा पड़ने के बाद भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। घोटाला उजागर होने के बाद नवीन के साथ काम करने वाले मास्टर माइंड दीपक और प्रशांत अंडरग्राउंड हो गए हैं। घोटाले की जांच में जुटी पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है।
पुलिस दीपक और प्रशांत के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा कर रही है। सृजन से जुड़े लोगों का कहना है कि मनोरमा देवी और पूर्व भाजपा नेता विपिन शर्मा की हर गतिविधियों की जानकारी नवीन को रहती थी। वह शुरुआत से मनोरमा देवी के साथ था। उसे इस बात की जानकारी रहती थी कि कौन चेक कहां से आया है, कहां जमा करना है, किसे कितने रुपये देने हैं, किसके पास कितने रुपये बकाया हैं, कौन-कौन से लोग सृजन से खास रूप से जुड़े हैं? विपिन शर्मा के मनोरमा के काफी निकट आ जाने के बाद नवीन उसका भी खास बन गया था। नवीन का खास था दीपक और दीपक का खास था प्रशांत। इस तिकड़ी के पास घोटाले की सारी जानकारी इकट्ठा थी। दीपक और प्रशांत के पास 24 घंटे लैपटॉप रहता था। इस लैपटॉप में सृजन के शुरुआत से लेकर घोटाला उजागर होने तक की पूरी जानकारी है।
मनोरमा या विपिन के कारोबार का हिसाब-किताब दीपक और प्रशांत के लैपटॉप में है। संकट में फंसने के बाद उबारने का काम नवीन करता था। मनोरमा की मौत के बाद टूट गया था नवीन कहा जा रहा है कि फरवरी में मनोरमा देवी की मौत के बाद नवीन को यह एहसास हो गया था कि सृजन का कारोबार अब ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है। सृजन का कारोबार देखने वाला नवीन तब बीमार पड़ गया, जब उसे पता चला कि बैंक को पैसे देने के नाम पर विपिन शर्मा आनाकानी कर रहा है। उसे एहसास हो गया था कि अब घोटाला उजागर हो जाएगा। अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद परिवार वालों और सृजन के सहयोगियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। उसके मौत के कुछ दिन बाद ही सृजन घोटाला उजागर हो गया।
सृजन के सभी पदधारकों के खिलाफ केस दर्ज
1300 करोड़ रुपये के सृजन घोटाला मामले में सबौर के प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी (बीसीओ) सुशील कुमार ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के सभी पदधारकों के खिलाफ सबौर थाने में केस दर्ज कराया है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। सदर इंस्पेक्टर मोहम्मद इमामुल्लाह को केस का जांच अधिकारी (आइओ) बनाया गया है। सृजन संस्था की सभी 10 पदधारक महिला हैं। सभी पर आरोप है कि उन्होंने बिहार सहयोग समिति के मानदंडों का उल्लघंन कर सरकारी राशि को लेकर फर्जीवाड़ा किया। उधर जिला भू-अर्जन कार्यालय में 10.26 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी ने एसएसपी मनोज कुमार को पत्र लिख सृजन के सभी पदधारकों के चल रहे विभिन्न बैंकों में खातों को फ्रीज कराने का अनुरोध किया था। एसएसपी के निर्देश पर बैंकों ने सभी पदधारकों के खातों को फ्रीज कर दिया।