बुलंदशहर में बीजेपी नेताओं से भिड़ने वाली अफसर श्रेष्ठा सिंह का ट्रांसफर


यूपी सरकार ने प्रदेश के 244 पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) का तबादला कर दिया है। ट्रांसफर किए गए अफसरों की लिस्ट में बुलंदशहर के स्याना की सीओ श्रेष्ठा सिंह भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में ट्रैफिक नियम तोड़ने के मसले पर स्थानीय बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जमकर क्लास लगाई थी। इस घटना का विडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था और लोग उन्हें 'लेडी सिंघम' बताते हुए हौसले की उनकी तारीफ कर रहे थे।
अब श्रेष्ठा सिंह का ट्रांसफर किए जाने का मुद्दा भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोगों का मानना है कि सीओ को बीजेपी नेताओं के साथ की गई 'गुस्ताखी' की सजा मिली है, तो कुछ की दलील है कि यह सामान्य बात है क्योंकि कुल 244 अफसरों का ट्रांसफर हुआ है, अकेले श्रेष्ठा का नहीं।

क्या था मामला
मामला 23 जून का है, जब बीजेपी की जिला पंचायत सदस्य के पति प्रमोद लोधी बाइक से घर जा रहे थे। चेकिंग के दौरान बाइक के कागज नहीं दिखाने पर पुलिस ने उनका चलान काट दिया और बाइक जब्त कर ली। पुलिस के सामने कथित तौर पर धौंस दिखाने पर आरोपी नेता को अरेस्ट कर लिया गया। इसके बाद बीजेपी समर्थकों ने कोर्ट परिसर में पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बीजेपी नेता प्रमोद लोधी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर स्याना विधायक देवेंद्र लोधी के चैंबर में लाकर बैठा दिया। काफी देर तक पुलिस और बीजेपी समर्थको में झड़प होती रही। बीजेपी समर्थकों ने कोर्ट परिसर में पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सीओ श्रेष्ठा सिंह से भिड़ गए। उधर बीजेपी नेता प्रमोद लोधी का आरोप था कि चालान काटने के बाद पुलिसकर्मी ने बाइक की चाबी देने के नाम पर उनसे 500 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

बहस के दौरान श्रेष्ठा ने बीजेपी नेताओं से यहां तक कह दिया था कि वे सीएम योगी आदित्यनाथ से लिखवाकर ले आएं कि पुलिसवाले वाहन चेकिंग नहीं कर सकते, तो हम नहीं करेंगे।

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