बिहार के वर्तमान राज्यपाल रामनाथ कोविंद होंगे बीजेपी के उम्मीदवार


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार (19 जून) को बीजेपी संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद का नाम घोषित किया। रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और तमिलनाडु के सीएम के पलानीस्वामी से फोन पर बात की। तेलंगाना के सीएम और टीआरएस के नेता केसी राव ने बीजेपी के राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा भी कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के बाद ट्वीट किया, “मैं आश्वस्त हूं कि श्री रामनाथ कोविंद एक अप्रतिम राष्ट्रपति बनेंगे और गरीबों, वंचितों और हाशिये के समाज के मजबूत आवाज बने रहेंगे।” बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के बाद बताया कि बीजेपी के सहयोगी दलों को भी रामनाथ कोविंद के उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में सूचित कर दिया गया है और वो राजग के राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे । शिव सेना नेता संजय राउत ने बताया कि अमित शाह ने शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को राष्ट्रपति उम्मीदवार के बारे में सूचित किया है। राउत ने बताया कि शिव सेना अगले कुछ दिनों में बीजेपी के उम्मीदवार के समर्थन के बारे में फैसला करेगी।
राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार की घोषणा से कुछ दिन पहले बीजेपी अमित शाह ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू की एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी जिसे राष्ट्रपति चुनाव पर विपक्षी दलों के साथ बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। राजनाथ और वेंकैया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी लेकिन बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि बीजेपी नेताओं ने किसी के नाम का सुझाव वहीं दिया बल्कि वो उन्हीं से राष्ट्रपति उम्मीदवार के बारे में पूछ रहे थे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार वेंकैया नायडू ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में सूचित कर दिया था। वहीं बीजेपी द्वारा रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के बाद कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बीजेपी अगर सर्वसम्मति से राष्ट्रपति उम्मीदवार उतारना चाहती थी तो उसे सार्वजनिक घोषणा से पहले ही विपक्ष को उसके बारे में बताना चाहिए था।
जदयू नेता शरद यादव ने कहा है कि सभी विपक्षी दल 22 जून को विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर विचार के लिए बैठक करेंगे। शरद यादव ने कहा कि विपक्ष की बैठक में बीजेपी गठबंधन के नाम पर भी विचार होगा। विपक्ष की बैठक में कांग्रेस के अलावा, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, नीतीश कुमार जदयू, नवीन पटनायक की बीजद, लालू यादव की राजद, मायावती की बसपा और सीपीएम  इत्यादि शामिल हो सकते हैं।
देश के मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। चुनाव आयोग ने 14 जून को राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी की। 28 जून तक राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया जा सकता है। एक जुलाई तक नाम वापस लिया जा सकता है। 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा। 20 जुलाई को नतीजे आएंगे।

कौन हैं रामनाथ कोविंद:

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रामनाथ कोविंद को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की है.
रामनाथ कोविंद मौजूदा समय में बिहार के राज्यपाल हैं, लेकिन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की होड़ में उनका नाम बहुत ज़्यादा चर्चा में नहीं था.

रामनाथ कोविंद के बारे में अहम बातें:

  • उत्तर प्रदेश से बीजेपी के दलित नेता
  • दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे
  • सरकारी वकील रहे, 1971 में बार काउंसिल के लिए नामांकित
  • दिल्ली हाइकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक प्रैक्टिस
  • राष्ट्रपति चुने गए तो उत्तर प्रदेश से दूसरे राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था. कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है.
गवर्नर ऑफ बिहार की वेबसाइट के मुताबिक कोविंद दिल्ली हाई कोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे थे. 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे.
दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन्होंने 16 साल तक प्रैक्टिस की. 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए थे.
1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए. वह 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे. वे कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं.
ये समितियां हैं- आदिवासी, होम अफ़ेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, क़ानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रहे.

सक्रिय सांसद रहे

कोविंद गवर्नर्स ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे हैं. 2002 में कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र के महासभा को संबोधित किया. कोविंद ने कई देशों की यात्रा भी की है.
कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में अहम रही है. छात्र जीवन में कोविंद ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया.
12 साल की सांसदी में कोविंद ने शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी.
कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी. इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है.

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