मंदसौर पर गरमाई सियासत, रोकने पर बाइक से ही निकले राहुल गांधी
अभी-अभी: राहुल गाँधी को हिरासत में ले लिया गया है।
इस बीच आंदोलन के बेकाबू होने के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार अब कुछ ऐक्शन में है। राज्य सरकार ने गुरुवार को मंदसौर के डीएम स्वतंत्र कुमार सिंह और एसपी ओपी त्रिपाठी को हटा दिया। इसके साथ ही रतलाम और नीमच के डीएम भी बदले गए हैं। किसान आंदोलन के केंद्र बंने मंदसौर में ओमप्रकाश श्रीवास्तव को नया डीएम बनाया गया है।
मंदसौर में मंगलवार को हुई पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद वहां किसानों का आंदोलन उग्र हो गया और प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। गरीबों और किसानों के मुद्दे को लेकर पहले ही मोदी सरकार पर निशाना साध रहे विपक्ष के हाथों में मंदसौर घटना ने एक नया हथियार थमा दिया है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पहले ही एकजुट होने की कोशिश में लगे विपक्षी दल आने वाले दिनों में जल्द ही मोदी सरकार को घेर सकते हैं।
माना जा रहा है कि विपक्ष किसान मुद्दे को लेकर कुछ उसी तरह से आक्रामक रुख दिखाने की योजना बना रहा है, जैसे लैंड बिल को लेकर तीखे तेवर सामने आए थे। दरअसल, विपक्ष को कहीं न कहीं लग रहा है कि साल 2019 से पहले होने वाले गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों के चुनावों के मद्देनजर किसानों से जुड़ा मुद्दा ही सीधे वोटर को प्रभावित करता है। इसी के जरिए विपक्ष मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकती है।
बीजेपी ने ले ली अन्नदाता की जान : कांग्रेस
इधर बीजेपी ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस किसानों के आंदोलन का इस्तेमाल राज्य में हिंसा फैलाने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा, 'सरकार ने किसानों की मांग पूरी करने के लिए कई निर्णय लिए हैं। कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी और राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान की सफलता को पचा नहीं पा रही है।'
बीजेपी के एक और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी ने हमेशा किसानों की भलाई के लिए काम किया है। इस पूरी स्थिति के पीछे कांग्रेस है। हिंसा से वह लोगों का ध्यान खींचना चाह रही है।'