जिन्होंने खुलकर कहा समलैंगिक हैं, अब बनेंगे प्रधानमंत्री

आयरलैंड में लियो वराडकर को सत्ताधारी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी फ़ाइन गेल का नेता चुना गया है.
वराडकर ने 60 प्रतिशत वोट लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी और हाउसिंग मिनिस्टर साइमन कोवेनी को हराया.
वो आयरलैंड के पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री होंगे.
वो अगले कुछ सप्ताह में फ़ाइन गेल के पूर्व नेता एंडा केनी से ये ज़िम्मेदारी ले लेंगे.
38 वर्षीय वराडकर आयरलैंड के अब तक के सबसे युवा प्रधानमंत्री भी होंगे.

शख़्सियत

लियो वराडकर के आयरलैंड की राजनीति के शीर्ष तक पहुंचने का सफ़र अंतरराष्ट्रीय सुर्ख़ियों में रहा है.
ये सुर्ख़ियां इस तथ्य पर ही केंद्रित रही हैं कि वो 'भारतीय मूल' के हैं और खुले तौर पर समलैंगिक हैं.
वराडकर यूरोप के सामाजिक रूप से सबसे रूढ़िवादी देश का उदारवादी का चेहरा बन गए हैं.
लेकिन आयरलैंड में न ही उनका सेक्स जीवन और न ही नस्लीय पहचान बहुत ज़्यादा मायने रखते हैं.
उन्होंने देश के सत्ताधारी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी फ़ाइन गेल के नेतृत्व का चुनाव जीत लिया है और वो अगले कुछ सप्ताह में देश के प्रधानमंत्री बन जाएंगे.
उनका चुनाव अभियान सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित रहा है. वराडकर के सामने सबसे बड़ी चुनौती आयरलैंड की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और ब्रेक्सिट के बाद के हालात से निबटना होगा.

माता-पिता

वराडकर का जन्म 18 जनवरी 1979 को डबलिन में हुआ था. उनके पिता अशोक मुंबई से आए एक डॉक्टर थे जिन्होंने आयरिश मूल की नर्स मरियम से शादी की थी.
उन दोनों की मुलाक़ात इंग्लैंड के बर्कशर में साथ काम करते हुए हुई थी. बाद में वो दोनों 70 के दशक में आयरलैंड में बस गए थे.
तब का आयरलैंड आज के आयरलैंड से बहुत अलग था. 1990 के दशक तक यहां समलैंगिकता और तलाक़ ग़ैर-क़ानूनी थे.
यहां बहुत कम प्रवासी रहते थे और आयरलैंड यूरोपीय संघ का एक ग़रीब सदस्य देश था.
वराडकर ने भी अपने पिता की ही तरह डॉक्टरी की पढ़ाई की.
वो 24 साल की उम्र में ही काउंसलर बन गए थे और 2007 में आयरलैंड की संसद के लिए चुन लिए गए थे.

सेल्टिक टाइगर

आयरल की 'सेल्टिक टाइगर' के नाम से चर्चित हुई अर्थव्यवस्था वैश्विक घटना बन चुकी थी. कम कॉरपोरेट टैक्स की वजह से आयरलैंड में भारी वैश्विक निवेश हुआ और आयरलैंड दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक बन गया.
लेकिन 2008 में वैश्विक मंदी में आयरलैंड की अर्थव्यवस्था भी धराशाई हो गई और आयरलैंड को 71 अरब डॉलर का अंतरराष्ट्रीय कर्ज़ लेना पड़ा.
इसके बाद 2011 में फ़ाइन गेल पार्टी सत्ताधारी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बन गई. वराडकर को ट्रांसपोर्ट, पर्यटन और खेलों का मंत्री बनाया गया. बाद में वो स्वास्थ्य मंत्री बने.
हाल ही में वो आयरलैंड के समाज कल्याण विभाग के प्रमुख बने.

समलैंगिक पहचान

उन्होंने मीडिया में अपना एक ऊंचा प्रोफ़ाइल गढ़ा. उन्हें आमतौर पर 'शार्प शूटर' या 'स्ट्रेट टॉकर' कहा जाने लगा.
2015 में आयरलैंड के सरकारी ब्रॉडकास्टर आरटीई को दिए साक्षात्कार में उन्होंने स्वीकार किया कि वो समलैंगिक हैं.
उन्होंने कहा था, "अब मेरे लिए ये बड़ी बात नहीं है. मुझे उम्मीद है कि ये किसी और के लिए भी बड़ी बात नहीं है. होनी भी नहीं चाहिए."
इसके कुछ ही महीने बाद आयरलैंड में समलैंगिकों की शादी के मुद्दे पर जनमतसंग्रह हुआ. फ़ैसला समलैंगिकों की शादी के समर्थन में रहा.

सियासी सफ़र

जब एंडा केनी ने प्रधानमंत्री पद और पार्टी के नेतृत्व से संन्यास का एलान किया तो वराडकर के समर्थकों ने उनके समर्थन में ऐसा अभियान चलाया कि ज़्यादातर बड़े नेता 48 घंटों के भीतर ही उनके समर्थन में आ गए.
उनके प्रतिद्वंदी और हाउसिंग मिनिस्टर साइमन कोवेनी वराडकर को टक्कर ही नहीं दे पाए. लेकिन कोवेनी ने चिंता ज़ाहिर की कि वराडकर की आर्थिक नीतियां पार्टी को दक्षिणपंथ की ओर झुका देंगी.
वराडकर ने कहा कि फ़ाइन गेल को उन लोगों का प्रतिनिधित्व करना चाहिए जो सुबह जल्दी उठते हैं.
उन्होंने कहा कि वो उन लोगों की बात कर रहे हैं "जो सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और स्वरोज़गार में लगे हैं, अभिभावक जो बच्चों का ध्यान रखने के लिए जल्दी उठ रहे हैं."
लेकिन फ़ाइन गेल पार्टी में उनके विरोधियों ने उनकी छवि दक्षिणपंथी के तौर पर गढ़ने की कोशिश की.
38 वर्षीय वराडकर जब अगले कुछ सप्ताह में देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले लेंगे तो वो देश के अब तक के सबसे युवा प्रधानमंत्री होंगे.
उनके सामने मौजूदा प्रधानमंत्री एंडी केनी के शब्दों में आयरलैंड की अब तक की सबसे बड़ी चुनौती होगी- ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से अलग होना और बदले हालात से निपटना.
लेकिन वराडकर की सोच अंतरराष्ट्रीय है और वो ख़ुद को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरह देख रहे हैं- युवा, करिश्माई और ऊर्जावान नेता.
उनकी राजनीतिक क्षमता उन्हें बहुत आगे ले आई है, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी मुश्किलें अभी आनी बाकी हैं.

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