राष्ट्रपति चुनाव: मोदी-शाह की मौजूदगी में रामनाथ कोविंद ने भरा नामांकन, आडवाणी भी रहे मौजूद

एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया। इस हाई प्रोफाइल कार्यक्रम के लिए बीजेपी के दिग्गज नेताओं के अलावा एनडीए के समर्थक पार्टियों के लीडर्स भी पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल 20 राज्यों के सीएम इस कार्यक्रम में मौजूद थे। बीजेपी शासित राज्यों के सीएम के अलावा तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम पलनिसामी और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू भी नामांकन के दौरान मौजूद थे। पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कोविंद के प्रस्ताव बने। वहीं, बीजेपी के सबसे सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी आए। 
कोविंद ने कहा, सभी सहयोग दें 
पर्चा दाखिला करने के बाद कोविंद ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की। उन्होंने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉ राधाकृष्णन, डॉ कलाम आदि का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति पद की गरिमा को बनाए रखने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, 'मेरा हमेशा प्रयास होगा और मान्यता भी है कि राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर होना चाहिए।' कोविंद ने कहा कि कुछ ही सालों बाद देश आजादी के 75 साल सेलिब्रेट करने वाला है। ऐसे में वह भारत निर्माण के सपने के पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे। कोविंद ने पीएम मोदी और एनडीए के घटक दलों को भी धन्यवाद दिया। आखिर में कहा, 'सर्वोच्च पद की गरिमा को बनाए रखने के लिए पूरी कोशिश करूंगा।' उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान में सभी दलों से वोट देने की अपील की।

कौन-काैन रहा मौजूद?
नामांकन में गुजरात, असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, यूपी आदि राज्यों के सीएम पहुंचे। नामांकन से पहले सभी नेताओं को संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में इकट्ठा होने को कहा गया था और इसके बाद औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए नेता लोकसभा महासचिव के ऑफिस गए। कोविंद के चार सेट नामांकन पत्र दाखिल किए गए। उनके प्रस्तावक के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, शिरोमणि अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के नाम हैं। चार सेट के नामांकन पत्र में प्रत्येक में 60 प्रस्तावक और 60 समर्थक हैं। नामांकन के वक्त मौजूद रहने वाले नेताओं में वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, योगी आदित्यनाथ, मुख्तार अब्बास नकवी, सुषमा स्वराज, रामविलास पासवान, रामदास अठावले, तमिलनाडु के सीएम पलनिसामी भी मौजूद थे।
लालू को भरोसा, जीतेंगी मीरा
उधर, नामांकन से पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि वह नीतीश से अपने फैसले पर फिर से सोचने की अपील करेंगे। लालू ने भरोसा जताया कि मीरा कुमार ही जीतेंगी। बता दें कि कांग्रेस की अगुआई वाले विपक्ष ने मीरा कुमार को अपना राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाया है। खास बात यह है कि चुनाव जीतने के लिए जरूरी संख्याबल एनडीए के पास है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए कैंडिडेट कोविंद को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इससे विपक्षी एकजुटता को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल कोविंद महादलित समुदाय से आते हैं, जिसे नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू राज्य में लुभाने में सफल रही है।

एनडीए का पलड़ा भारी
कोविंद की जीत पहले से तय है क्योंकि एनडीए और कुछ अन्य पार्टियों का भी उन्हें समर्थन मिल रहा है। यह राष्ट्रपति चुनाव के इलेक्टोरेल कॉलेज के 68 फीसदी वोट के बराबर है। कोविंद को शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल, एलजेपी, आरएलएसपी, अपना दल और पीडीपी का समर्थन हासिल है। बाकी जो पार्टियां इस उम्मीदवार का समर्थन कर रही हैं, उनमें एआईएडीमके, बीजेडी, टीडीपी, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी शामिल हैं। हालांकि, अखिलेश कैंप के कुछ विधायक और सांसद कोविंद के खिलाफ वोटिंग कर सकते हैं।

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