पैरिस क्लाइमेट डील से पीछे हटा यूएस, ट्रंप ने किया ऐलान

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ऐलान किया कि यूएस अब पैरिस क्लाइमेट डील का हिस्सा नहीं होगा। बता दें कि ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान यह वादा किया था। ट्रंप ने कहा कि वह अपने 'अमेरिकन वर्कर्स फर्स्ट' के वादे को पूरा कर रहे हैं और इससे बेहतर डील की अपेक्षा रखते हैं। 
बता दें कि 2015 में हुए इस समझौते में 195 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि अमेरिका के इस डील से पीछे हटने से क्लाइमेट चेंज को लेकर हो रही कोशिशों को झटका लग सकता है। ट्रंप ने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान कहा था कि इस समझौते की वजह से यूएस इकॉनमी को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है। ट्रंप ने इस समझौते को अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश बताया था। 

पिछले सप्ताह इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने समझौते को छोड़ने की तरफ इशारा किया था। उन्होंने कहा था कि वह जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। जानकारों का कहना है कि ट्रंप सरकार का यह फैसला कई देशों के साथ एक अहम विदेश नीति का बिखराव होगा, साथ ही ओबामा प्रशासन के जलवायु परिवर्तन के प्रयासों को भी इससे धक्का लगेगा। 

2015 में पैरिस में हुए समझौते पर 198 देशों में से 195 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। साइन करने वाले देशों में उत्तरी कोरिया भी शामिल था। इस समझौते का मकसद कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना है। 

पैरिस क्लाइमेट चेंज से जुड़े इस अग्रीमेंट से पीछे हटने के बारे में बताते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इस डील से अमेरिका के उद्योग जगत को नुकसान हो रहा है। इससे अमेरिका के अपने ऊर्जा स्रोतों के इस्तेमाल पर प्रभाव पड़ता है। वहीं भारत और चीन पर भी ट्रंप के इस फैसले का गहरा प्रभाव पड़ेगा।
ओबामा ने की निंदा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से अमेरिका को अलग करने के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के फैसले की निन्दा की है । उन्होंने एक बयान में ट्रंप की आलोचना करते हुए आगाह किया कि समझौते का पालन न कर अमेरिका भविष्य की पीढि़यों के भविष्य को खारिज करेगा।

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