रामलला के दर्शन को गए योगी, अब तेज होगा मंदिर आंदोलन?

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को अयोध्या पहुंचे। वह यहां रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। सुबह साढ़े 9 बजे के आसपास यहां पहुंचने के बाद वह पहले हनुमानगढ़ी गए और दर्शन किए। उन्होंने यहां करीब 30 मिनट बिताए। इसके बाद, वह रामलला के दर्शन के लिए गए। योगी आदित्यनाथ साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जो रामलला के दर्शन के लिए गए। राजनाथ सिंह 2002 में ऐसा करने वाले सीएम थे। इसके बाद बीते 15 सालों में किसी भी मुख्यमंत्री ने यहां का दौरा नहीं किया है। 
यूपी के सीएम का अयोध्या का दौरा ऐसे वक्त में अहम है, जब एक दिन पहले ही बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लखनऊ स्थित विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे सीनियर बीजेपी नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप तय किया था। सुनवाई के लिए लखनऊ पहुंचे नेताओं से मुलाकात करने योगी भी गए थे। 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम करीब 9 घंटे अयोध्या में बिताएंगे। वह दिगम्बर अखाड़ा में रुकेंगे और सरयू नदी भी जाएंगे। इस दौरान वे महंत सुरेश दास से बातचीत करेंगे। इसके अलावा, सीएम राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव कार्यक्रम में शिरकत कर सकते हैं। मंगलवार को अयोध्या में सीएम के आने की आहट भर से मंदिर आंदोलन के ऑडियो फिर बजने लगे। सीएम के स्वागत के लिए जगह-जगह द्वार बनाए गए हैं। बता दें कि राम मंदिर मामले में कोर्ट के ताजा फैसले और 2019 के आम चुनावों के मद्देनजर सीएम योगी के इस दौरे की काफी राजनीतिक अहमियत है। चर्चा है कि योगी आदित्यनाथ अयोध्या से विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं। 

फिर से तूल पकड़ेगा राम मंदिर मुद्दा?
दिगंबर अखाड़ा के महंत रह चुके रामचंद्र परमहंस भी अयोध्या आंदोलन का हिस्सा थे और अपनी आखिरी सांस तक विवादित स्थल पर राम मंदिर बनवाने के लिए लड़ते रहे थे। परमहंस और सीएम योगी के गुरु, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी महंत अवैद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ ने कई सालों तक अयोध्या आंदोलन को सफल बनाने के लिए साथ काम किया है। महंत अवैद्यनाथ राम मंदिर के निर्माण के लिए बनी वीएचपी समर्थित कमिटी के भी चेयरपर्सन थे। साल 2002 में जब परमहंस ने दूसरे अयोध्या आंदोलन का आह्वान किया तो गोरखपुर से उस वक्त दूसरी बार सांसद चुने गए योगी आदित्यनाथ ने भी अयोध्या तक मार्च शुरू किया था। हालांकि, पुलिस ने उन्हें गोरखपुर की सीमा में ही गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद के लंबित होने और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों की तरफ से लगातार राम मंदिर बनाने को लेकर आ रहे दबाव के बीच योगी आदित्यनाथ का यह दौरा फिर से इस मामले को तूल दे सकता है। 

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