17 वर्षिय सुन्दर ने रचा आईपीएल में इतिहास

आइपीएल-10 के पहले क्वालीफायर मुकाबले में मुंबई इंडियंस के किले यानी वानखेड़े स्टेडियम पर पुणे की वो टीम जीत गई जिसकी उम्मीद कम ही लोगों को थी। मुंबई अपने मैदान पर हमेशा से ही घातक रही है लेकिन पुणे ने कल रात उसकी एक न चलने दी। इस जीत में जिस धुरंधर को सबसे बड़ा श्रेय जाता है उसकी उम्र उतनी ही छोटी है।
- सबसे युवा खिलाड़ी ने रचा नया इतिहास
हम यहां बात कर रहे हैं आइपीएल-2017 के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी वॉशिंगटन सुंदर की। इस 17 वर्षीय खिलाड़ी ने कल रात ऐसा धमाल मचाया कि वो आइपीएल इतिहास में 'मैन ऑफ द मैच' बनने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। मुंबई की टीम 163 रनों का पीछा कर रही थी। सुंदर ने इस दौरान अपनी गेंदबाजी से मुंबई के हौसले पस्त कर दिए। उन्होंने 4 ओवरों में महज 16 रन लुटाते हुए तीन विकेट झटके। इन दौरान सुंदर ने मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा (1), अंबाती रायुडू (0) और धुरंधर बल्लेबाज कीरोन पोलार्ड (7) को पवेलियन का रास्ता दिखाया। 
- वो दो फैसले सही साबित हुए
पुणे के कप्तान और उनके मैनेजमेंट द्वारा लिए गए दो फैसले यहां रंग दिखाते हुए नजर आए। पहला फैसला था जब रविचंद्रन अश्विन के चोटिल होने के बाद पुणे ने किसी और पर नहीं बल्कि 17 वर्षीय खिलाड़ी वॉशिंगटन सुंदर को अपनी टीम में शामिल करने का फैसला लिया जिनको इस मंच पर खेलने का कोई अनुभव नहीं था। वहीं, दूसरा फैसला था सुंदर को बार-बार मौका देने का। कल रात से पहले उन्होंने इस सीजन में 9 मैच खेले थे जिनमें से चार मैचों में वो खाली हाथ रहे। जबकि अपने उन 9 मैचों में वो कुल 5 विकेट लेने में सफल रहे थे। इसके बावजूद पुणे ने उनको मौका दिया और इस खिलाड़ी ने सही समय पर अपना दम दिखा दिया।
- तीसरा सबसे युवा खिलाड़ी
आइपीएल में खेलने वाले वो तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं। ये रिकॉर्ड सरफराज खान के नाम दर्ज है जिन्होंने 2015 में बैंगलोर की तरफ से 17 साल 177 दिन की उम्र में अपना पहला आइपीएल मैच खेला था। वहीं, दूसरे नंबर पर आते हैं दिल्ली के प्रदीप सांगवान जिन्होंने आइपीएल-2008 यानी आइपीएल के पहले सीजन में 17 साल 179 दिन की उम्र में इस लीग का पहला मैच खेला था।
- सिर्फ गेंदबाज नहीं है ये धुरंधर
वॉशिंगटन सुंदर सिर्फ एक गेंदबाज नहीं हैं। बेशक इस आइपीएल में अब तक उन्हें अपने बल्ले का दम दिखाने का मौका नहीं मिला है लेकिन जब पहली बार वो सबकी नजरों में आए थे तब इसकी वजह उनकी बल्लेबाजी ही थी। चेन्नई के इस खिलाड़ी ने 11 की उम्र में चेन्नई की सीनियर डीविजन लीग में खेलना शुरू कर दिया था। पिछले साल अंडर-19 विश्व कप में भारत को फाइनल में पहुंचाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। उन्होंने वहां अपनी गेंदबाजी के साथ-साथ बल्ले से भी दम दिखाया था। घरेलू क्रिकेट में छोटे से समय में ज्यादा कुछ नहीं कर सके लेकिन पिछले साल तमिलनाडु प्रीमियर लीग में उन्होंने 140 रन बनाकर और 11 विकेट लेकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।

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