'पाकिस्तान मौत का कुंआ है मत जाना कभी'
पाकिस्तान मौत का कुंआ है. वहां जाना आसान है लेकिन लौटना उतना ही मुश्किल. भारत की मुस्लिम महिलाएं सोचती हैं कि पाकिस्तान अच्छा देश है लेकिन मैं कहती हूं कि सतर्क रहना. वहां आदमी सुरक्षित नहीं है तो औरतें क्या होंगी.' यह कहना है पाकिस्तान से भारत लौटीं उज़मा का.
उज़मा भारतीय नागरिक हैं. उनका कहना है कि वह पाकिस्तान गई थीं और उनसे बंदूक की नोंक पर ताहिर नाम के एक शख़्स ने जबरन शादी कर ली. उज़मा का कहना है कि उन्हें पाकिस्तान में प्रताड़ित किया जाता था. इसी प्रताड़ना से उबकर उज़मा पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग आ गई थीं.
भारतीय उच्चायोग ने उज़मा को अपने साथ रखा और वहां क़ानूनी लड़ाई के ज़रिए उज़मा का वापस भारत भेजा.
मई महीने की शुरुआत में उज़मा गई थीं पाकिस्तान
भारत पहुंचते ही उज़मा ने वतन की मिट्टी को चूमा. उज़मा के परिवार वालों का कहना है कि वह इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान घूमने गई थीं. ख़बरों के मुताबिक ताहिर अली से उज़मा की मुलाकात मलेशिया में हुई थी.
इसी मुलाकात में ताहिर को प्यार हो गया था. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में ताहिर ने तीन मई को उज़मा से जबरन शादी कर ली.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उज़मा के पक्ष में सुनाया फ़ैसला
12 मई को उज़मा ने पाकिस्तान की अदालत में भारतीय उच्चायोग की मदद से संपर्क साधा. उज़मा ने अदालत में बताया कि ताहिर अली नाम के शख़्स ने बंदूक की नोंक पर उससे जबरन शादी की है.
उज़मा का कहना है कि ताहिर ने शादी के बाद उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि ताहिर ने वीज़ा समेत सारे दस्तावेज छीन लिए थे.
उज़मा ने अदालत से तत्काल भारत भेजने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि ताहिर उससे बुरी तरह से मारता था. उज़मा के मुताबिक ताहिर ने शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और जबरन निकाहनामे पर हस्ताक्षर कराया. हालांकि ताहिर ने इन आरोपों को ग़लत बताया है.
'उज़मा अब भी मेरी पत्नी'
ताहिर का कहना है कि उज़मा अब भी उसकी पत्नी है क्योंकि तलाक़ नहीं हुआ है. उज़मा ने अदालत में यह भी कहा था कि पहली शादी से उसकी एक बच्ची है और वह भारत में अकेले परेशान है. इस मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को उज़मा के पक्ष में फ़ैसला सुनाया. कोर्ट ने उज़मा को भारत जाने की अनुमति दे दी.
सुनाई पूरी आपबीती
गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ उज़मा ने अपनी आपबीती सुनाई.
उन्होंने कहा, ''सुषमा मैम मुझे रोज फ़ोन कर पूछती थीं बेटी तुम ठीक हो न. वो कहती थीं तुम टेंशन मत लो क्योंकि हिन्दुस्तान की बेटी हो. वहां कई लड़कियां फंसी हुई हैं. मैं पाकिस्तान घूमने के लिए गई थी. मुझसे अगवा कर शादी कर ली.''
उन्होंने कहा, ''मैं परेशान होकर पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के पास गई और उन्होंने मुझे मिनट भर में अंदर कर लिया. उच्चायोग में मुझे जेपी सिंह सर ने ज़रूरत की सारी चीज़ें दीं. सुषमा मैम ने कहा कि बच्ची को ताहिर तक नहीं पहुंचाना. सुषमा मैम ने कोर्ट में सुनवाई के पांच मिनट पहले फ़ोन कर हालचाल लिया. उन्होंने कहा कि तुम देश की बेटी हो. मैं सुषमा मैम का शुक्रगुजार हूं.''
हिन्दुस्तानी होने पर गर्व है
उज़मा ने कहा, ''मुझे हिन्दुस्तानी होने पर गर्व है. मलेशिया देखा, पाकिस्तान देखा पर हिन्दुस्तान जैसा कोई देश नहीं है. मुझे नरेंद्र मोदी जी को भी शुक्रिया कहने का मौक़ा मिले.''
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के जेपी सिंह ने कहा, ''उज़मा को उच्चायोग के भीतर रखना बहुत आसान नहीं था. वहां पर कई ताक़तें काम करती हैं. हम इस्लामाबाद में एक टीम की तरह रहते हैं. उज़मा को एक दिन काफ़ी समस्या हुई होगी लेकिन फिर बाद में सारी चीज़ें ठीक हो गईं. उज़मा उच्चायोग से बाहर नहीं जाना चाहती थीं. उज़मा को सुषमा जी हमेशा फ़ोन करती थीं. सुषमा जी ने कहा कि वह ताहिर के पास नहीं जाने देंगी.''
सुषमा ने की उज़मा की तारीफ़
इसे मौक़े पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ''उज़मा ने जब बाघा सीमा पार की तो मुझे संतोष हुआ. उज़मा ने जो बताया मुझे भी पहली बार पता चला. गुनेर में उसके साथ क्या हुआ पहली बार पता चला. मैं अपना फर्ज़ अदा कर रही थी. तुमने संकट में भारतीय उच्चायोग पर भरोसा किया. दूर देश में जब कोई भारतीय फंस जाए तो उच्चायोग की तरफ़ जाए.''
उन्होंने कहा, ''उज़मा तुम्हारी बुद्धि का कमाल है कि तुम वहां गईं. उज़मा ने कहा कि उच्चायोग से बाहर जाकर ख़ुदकुशी कर लेगी लेकिन बाहर नहीं जाएगी. परदेश में आपका दोस्त भारतीय दूतावास. पाकिस्तान में भारतीय दूतावास ने ऐसा ही कर दिखाया.''