CM के दौरे से पहले दलितों को बांटे गए साबुन-शैंपू-सेंट, कहा- ये लगाकर ही पास जाना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कुशीनगर के मैनपुर कोट गांव का दौरा किया। ये भी खबर थी कि वह मुसहर बस्ती का भी निरीक्षण करेंगे। लेकिन एक बात जो यहां सबसे ज्यादा अजीब हुई वो ये कि मुख्यमंत्री के आने से पहले यहां साबुन, शैंपू और सेंट बांटे गए।
प्रशासन के आला अधिकारियों ने इस दलित बस्ती के लोगों से कहा कि मुख्यमंत्री के पास जाना तो नहा-धोकर, पाउडर लगाकर जाना। उन्हें मुख्यमंत्री के दौरे से पहले साफ-सुथरा रहने की हिदायत दी गई।
गांव वालों ने बताया कि विकास से कोसों दूर रहे इस गांव में मुख्यमंत्री के आने की खबर मिलते ही अधिकारियों ने इस गांव की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया। सड़क-खड़ंजा तो ठीक ही किया गया, साथ ही लोगों के लिए शौचालय भी बनवाए गए। लोगों के घरों के अंदर भी साफ सफाई करवाई गई। बिजली की व्यवस्था भी हुई।
गांव के एक बुजुर्ग के अनुसार 'साहब लोग आए और साबुन, पाउडर, शैंपू दिए, कहा ई सब लगाकर ही मुख्यमंत्री के पास जाना'।
प्रशासन के आला अधिकारियों ने इस दलित बस्ती के लोगों से कहा कि मुख्यमंत्री के पास जाना तो नहा-धोकर, पाउडर लगाकर जाना। उन्हें मुख्यमंत्री के दौरे से पहले साफ-सुथरा रहने की हिदायत दी गई।
गांव वालों ने बताया कि विकास से कोसों दूर रहे इस गांव में मुख्यमंत्री के आने की खबर मिलते ही अधिकारियों ने इस गांव की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया। सड़क-खड़ंजा तो ठीक ही किया गया, साथ ही लोगों के लिए शौचालय भी बनवाए गए। लोगों के घरों के अंदर भी साफ सफाई करवाई गई। बिजली की व्यवस्था भी हुई।
गांव के एक बुजुर्ग के अनुसार 'साहब लोग आए और साबुन, पाउडर, शैंपू दिए, कहा ई सब लगाकर ही मुख्यमंत्री के पास जाना'।
मुसहर बस्ती में होता रहा सीएम का इंतजार
मुसहर आबादी वाले गांव मैनपुर कोट में सीएम के आगमन को लेकर एक सप्ताह से तैयारियां चल रही थीं। सबको उम्मीद थी कि मुसहर बस्ती जरूर जाएंगे। आधिकारिक कार्यक्रम में भी इसका उल्लेख था लेकिन सीएम प्राथमिक विद्यालय परिसर में टीकाकरण कार्यक्रम का उद्घाटन करके ही लौट गए। सीएम को अपने दरवाजे पर खोज रहे लोग इसकी जानकारी होने से मायूस हो गए।
बीते 18 मई को अचानक ही जिले में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की चर्चा शुरू हुई। अगले दिन डीएम आंद्रा वामसी और एसपी यमुना प्रसाद अन्य अफसरों के साथ कसया ब्लॉक के कुड़वा दिलीपनगर और करमैनी प्रेमवलिया गांव पहुंचे। ये दोनों ही गांव मुसहर बहुल हैं। शाम होते-होते यह बात साफ हो गई कि 25 मई को जिले में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम लगेगा और वे किसी मुसहर बस्ती में ही आएंगे। आनन-फानन प्रशासन ने कसया ब्लॉक की सबसे साफ-सुथरी मुसहर बस्ती मैनपुर कोट के दीनापट्टी का चयन कर लिया। इसके बाद वहां सफाई कर्मियों के साथ ही अन्य विभागों के अफसर और कर्मचारी सड़क, शौचालय, पेयजल आदि की समस्या को दूर कराने से लेकर सफाई कार्य तक में जुट गए। बालू की किल्लत के बाद भी मैनपुर की दीनापट्टी मुसहर बस्ती में अधिक रुपये खर्च कर इंटरलाकिंग सड़क और मुसहरों के दरवाजे पर शौचालय बनवाया गया। बुधवार की शाम तक इस गांव में कई बार सफाई के साथ ही धूल हटाने के लिए सड़क पर हजारों लीटर पानी बहाया गया। प्रेमनगर चौराहे से लेकर मैनपुर गांव तक घास से भरी नहर को जेसीबी लगाकर साफ कराया गया। सीएमओ घर-घर जाकर लोगों का हाल-चाल ले रहे थे तो वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्टाहार बांटने लगी थीं। बुधवार की देर शाम तक अफसर गांव को चमकाते रहे, लेकिन बृहस्पतिवार को सीएम इस मुसहर बस्ती में पहुंचे ही नहीं। इस गांव की रहने वाली सावित्री का कहना था कि वह मुख्यमंत्री को देखना चाहती थी। उम्मीद थी कि आज उसके दरवाजे पर योगी जी जरूर आएंगे, लेकिन साध पूरी नहीं हुई। मालती का कहना था कि उन्हें सीएम से कई शिकायतें करनी थीं, लेकिन अफसरों ने जान बूझकर मुख्यमंत्री को उनकी बस्ती में नहीं आने दिया। शारदा और गुड्डू भी इस बात की उम्मीद लगाए बैठे थे कि सीएम जब उनके दरवाजे तक आएंगे तो उनकी समस्याओं को बेहतर ढंग से समझेंगे। वे लोग इंतजार भी कर रहे थे, लेकिन जब स्कूल से ही उनके लौट जाने की जानकारी हुई तो मन निराश हो गया।
बीते 18 मई को अचानक ही जिले में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की चर्चा शुरू हुई। अगले दिन डीएम आंद्रा वामसी और एसपी यमुना प्रसाद अन्य अफसरों के साथ कसया ब्लॉक के कुड़वा दिलीपनगर और करमैनी प्रेमवलिया गांव पहुंचे। ये दोनों ही गांव मुसहर बहुल हैं। शाम होते-होते यह बात साफ हो गई कि 25 मई को जिले में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम लगेगा और वे किसी मुसहर बस्ती में ही आएंगे। आनन-फानन प्रशासन ने कसया ब्लॉक की सबसे साफ-सुथरी मुसहर बस्ती मैनपुर कोट के दीनापट्टी का चयन कर लिया। इसके बाद वहां सफाई कर्मियों के साथ ही अन्य विभागों के अफसर और कर्मचारी सड़क, शौचालय, पेयजल आदि की समस्या को दूर कराने से लेकर सफाई कार्य तक में जुट गए। बालू की किल्लत के बाद भी मैनपुर की दीनापट्टी मुसहर बस्ती में अधिक रुपये खर्च कर इंटरलाकिंग सड़क और मुसहरों के दरवाजे पर शौचालय बनवाया गया। बुधवार की शाम तक इस गांव में कई बार सफाई के साथ ही धूल हटाने के लिए सड़क पर हजारों लीटर पानी बहाया गया। प्रेमनगर चौराहे से लेकर मैनपुर गांव तक घास से भरी नहर को जेसीबी लगाकर साफ कराया गया। सीएमओ घर-घर जाकर लोगों का हाल-चाल ले रहे थे तो वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्टाहार बांटने लगी थीं। बुधवार की देर शाम तक अफसर गांव को चमकाते रहे, लेकिन बृहस्पतिवार को सीएम इस मुसहर बस्ती में पहुंचे ही नहीं। इस गांव की रहने वाली सावित्री का कहना था कि वह मुख्यमंत्री को देखना चाहती थी। उम्मीद थी कि आज उसके दरवाजे पर योगी जी जरूर आएंगे, लेकिन साध पूरी नहीं हुई। मालती का कहना था कि उन्हें सीएम से कई शिकायतें करनी थीं, लेकिन अफसरों ने जान बूझकर मुख्यमंत्री को उनकी बस्ती में नहीं आने दिया। शारदा और गुड्डू भी इस बात की उम्मीद लगाए बैठे थे कि सीएम जब उनके दरवाजे तक आएंगे तो उनकी समस्याओं को बेहतर ढंग से समझेंगे। वे लोग इंतजार भी कर रहे थे, लेकिन जब स्कूल से ही उनके लौट जाने की जानकारी हुई तो मन निराश हो गया।