7000 व्हाट्सऐप ग्रुप, 90 सीटों वाला कॉल सेंटर, देखिए यूपी बीजेपी सोशल मीडिया वार रूम

भाजपा के लखनऊ स्थित सोशल मीडिया कार्यालय में एक डाटा रूम भी है जहां दो लोग हर दम आंकड़े एकत्रित करते रहते हैं।


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सोशल मीडिया रणनीति काफी विवादों में रही है। हाल ही में एक पत्रकार ने किताब लिखकर दावा किया है कि पार्टी की सोशल मीडिया टीम विपक्षी नेताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाती है। चार फरवरी से आठ मार्च के बीच पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों के लिए मतदान होना है। इन राज्यों में सबसे ज्यादा निगाहें उत्तर प्रदेश के चुनाव पर हैं। देश के सबसे अधिक संसदीय सीटों वाले प्रदेश में भाजपा सोशल मीडिया कैंपेन कैसे चला रही है? यही जानने के लिए इंडियन एक्सप्रेस समूह का इनयूथ डॉट कॉम पहुंचा लखनऊ स्थित भाजपा सोशल मीडिया कार्यालय में।
लखनऊ स्थित पार्टी के सोशल मीडिया कार्यालय के संचालक कमलेश्वर मिश्रा ने हमें दफ्तर का हर कोना दिखाते हुए समझाया कि यहां किस तरह कामकाज होता है। मिश्रा के अनुसार इस कार्यालय में कई अलग-अलग टीमें काम करती हैं। इस दफ्तर में सोशल मीडिया, सोशल मीडिया वार रूम, डाटा टीम, कॉन्फ्रेंस रूम और चुनाव कॉल सेंटर हैं।
मिश्रा बताते हैं कि इस सोशल मीडिया कार्यालय में  रोजमर्रा के मुद्दों पर हाई-एंड ग्राफिक्स और वीडियो बनाए जाते हैं जिन्हें अलग-अलग सोशल मीडिया माध्यमों पर पोस्ट किया जाता है। मिश्रा बताते हैं, “पिछले दो महीनों से करीब छह हजार व्हाट्सऐप ग्रुप में मैसेज भेजा जाता है। उसके बाद करीब एक हजार ग्रुप और बनाए गए। ये ग्रुप पार्टी वर्कर के नहीं है बल्कि आम लोगों के हैं। हमारे पोस्ट इन ग्रुप के जरिए लाखों तक पहुंचते हैं।”
पार्टी के वार रूम में कई टीवी सेट लगे हैं जिन पर विभिन्न राज्यों के समाचार चलते रहते हैं। तीन से चार लोगों की टीम मीडिया की गतिविधियों पर दिन-रात नजर रखती है। यह टीम खबरों के अलावा टीवी डिबेट और अन्य कार्यक्रमों की भी निगरानी करती है। वार रूम टीम मीडिया पर चल रही गतिविधियों की पार्टी नेताओं को हर रोज रिपोर्ट भेजती है।
इस दफ्तर में एक डाटा रूम भी है। मिश्रा बताते हैं कि डाटा रूम में दो लोग हमेशा आंकड़ों इकट्ठा करते रहते हैं। डाटा रूम में  वोटरों का रिकॉर्ड, पार्टी से जुड़ा रिकॉर्ड, फोन नंबर इत्यादि रखे हैं। मिश्रा कहते हैं कि शुरू में डाटा इकट्ठा करने में दिक्कत हुई लेकिन अब सब ठीक है। मिश्रा बताते हैं कि भाजपा के डाटा रूम में अब मतदाताओं की डिजिटल लिस्ट तैयार की जा रही है।
कान्फ्रेंस रूम में पार्टी के स्वयंसेवक हर सीट के प्रत्याशियों और नामांकन दाखिल करने वाले संपर्क में रहते हैं। ये टीम जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं से भी संपर्क में रहती है। पार्टी ने पूरे प्रदेश को छह रीजन में बांट रखा है। हर रीजन के अलग सोशल मीडिया कोआर्डिनेटर हैं। पूरी टीम सुबह बैठक करके दिनभर की रणनीति पर विचार करती है और उस पर अमल करती है।
पार्टी के जमीन पर मौजूद कार्यकर्ता सोशल मीडिया टीम को सभाओं-रैलियों इत्यादि की तस्वीरें, वीडियो और अन्य डाटा भेजते रहते हैं। मिश्रा बताते हैं कि कार्यालय में मौजूद कुशल डिजाइनर उन डाटा को दुरस्त करके उपयोग के लिए उपलब्ध कराते हैं। इस दफ्तर में 90 सीटों वाला एक कॉल सेंटर भी है। इस कॉल सेंटर का काम पार्टी के लिए रोजमर्रा का सर्वे करना, पार्टी नेताओं से बातचीत कराना, जिला स्तर के कार्यकर्ताओं से संपर्क रखना इत्यादि है।
इस दफ्तर में काम करने वाले सभी लोग पार्टी के स्वयंसेवक हैं। यहां काम करने वाले कुछ कर्मचारी कहते हैं कि कई बार उन्हें दफ्तर के समय के बाद भी काम करना होता है। कई बार काम का दबाव ज्यादा होता है। लेकिन इससे टीम का आत्मविश्वास पर कोई असर नहीं पड़ा है। यूपी में 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में चुनाव है। चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आएंगे।

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