कोरोना वायरस: सिवान क्यों बना बिहार का हॉटस्पॉट

बिहार में सिवान ज़िले का पंजवार गांव कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है. बिहार में 10 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक कुल 60 कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ मिले हैं जिनमें से अकेले सिवान ज़िले से ही 29 मरीज़ हैं.

सिवान ज़िले में हॉटस्पॉट बने पंजवार गांव में कुल 23 लोग कोरोना पॉज़िटिव हैं. इन 23 कोरोना पॉज़िटिव में से 21 एक ही परिवार के हैं.

एक युवक से फैलती गई संक्रमण की चेन

सिवान ज़िले के रघुनाथपुर ब्लॉक के पंजवार गांव की बात करें, तो यहां 21 मार्च के आसपास दो व्यक्ति खाड़ी देश से लौटे थे. इनमें से इस युवक ने ख़ुद को होम क्वारंटीन कर लिया था.
लेकिन 21 मार्च को ओमान से आए युवक ने ख़ुद को क्वारंटीन नहीं किया था. यहीं युवक बाद में 3 अप्रैल को आए जाँच नतीजों में कोरोना पॉज़िटिव निकला.
माना जा रहा है कि इसी युवक के कारण संक्रमण की पूरी चेन बनती चली गई. इसी युवक के परिवार के 21 लोग पॉज़िटिव पाए गए हैं.

पंजवार के रहने वाले संजय सिंह ने बीबीसीहिंदीओआरजी को बताया कि 21 मार्च को जब ये युवक गांव वापस लौटा तो लोग उससे ख़ुद ही दूरी बरत रहे थे. लेकिन उसने अपने परिवार को एयरपोर्ट पर लगी मोहर दिखाकर ये भरोसा दिलाया कि वो सुरक्षित है.
संजय सिंह बताते हैं, "ये परिवार छोटा मोटा कारोबार करता है और संयुक्त परिवार में रहता है जिसमें तक़रीबन तीन दर्जन लोग हैं. 31 मार्च को भी युवक का सिवान ले जाकर सैंपल लिया गया और छोड़ दिया गया. उसके यहां प्रशासन ने कोई पोस्टर भी नहीं चिपकाया."
गांव वालों के मुताबिक़ 31 मार्च को जाँच का सैंपल लिए जाने के बाद ये युवक फिर वापस लौटा और उसने गांव में क्रिकेट भी खेला. युवक ने एक शादी के आयोजन में भी शिरकत की लेकिन वहां लोगों ने सर्तकता बरतते हुए उन्हें वापस जाने को कह दिया.
तीन अप्रैल को जब वो कोरोना पॉज़िटिव मिले, उनके बाद गांव में हड़कंप मचा. 10 हज़ार की मिश्रित आबादी वाले इस गांव के बीचों बीच स्थित इस युवक के घर के 50 मीटर के दायरे में आने वाले सभी व्यक्तियों और उनके साथ क्रिकेट खेलने वालों की सूची बनाकर सभी 97 लोगों को सिवान ले जाकर क्वारंटीन सेंटर्स में रखा गया है.

गांव वाले दहशत में, लेकिन सतर्क भी

इस बीच गांव के लोग दहशत में हैं. 12वीं में पढ़ने वाली स्थानीय निवासी निधि बताती हैं कि उनके दोनों छोटे भाई बहुत परेशान हैं और सवालों की झड़ी लगा रखी है.
निधि कहती हैं, "स्कूल में पढ़ने वाली सहेलियां भी फ़ोन करके पूछ रही हैं. लेकिन हम लोग सतर्क हैं और सब गांव वाले एक दूसरे से कह रहे हैं कि कोई लक्षण किसी में दिखे तो तुरंत सरकार को सूचना दें."

ड्रोन से रखी जा रही है नज़र

पंजवार में 23 मामले सामने आने के बाद ड्रोन से नज़र रखी जा रही है. प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार मिश्र ने बीबीसी को फ़ोन पर बताया, "पूरे गांव में तीन स्तरीय बैरिकेडिंग की गई है. बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) की दो यूनिट लगाई गई है. वहीं ड्रोन कैमरे के ज़रिए पाँच से सात किलोमीटर के दायरे पर नज़र रखी जा रही है. इसके अलावा एनडीआरएफ़ की टीम पूरे इलाक़े को सैनिटाइज़ करने में लगाई गई है. गांव की तरफ़ आने वाली सभी गलियों को सील कर दिया गया है. लोगों की रोज़ाना की ज़रूरतों मसलन दूध, सब्ज़ी, राशन आदि की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकारी मशीनरी को लगाया गया है."

सिवान को लेकर बरती गई लापरवाही


सिवान बिहार का वो ज़िला है, जहां के मज़दूर बड़ी संख्या में खाड़ी देशों में वेल्डर, फ़िटर और अन्य तकनीकी नौकरियां काम करते हैं.
वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र बताते हैं, "इस एक छोटे से ज़िले में तक़रीबन तीन लाख पासपोर्ट धारी हैं. शुरुआती अप्रैल में बिहार में कोरोना के संदिग्ध मरीज़ों में से लगभग आधे सिर्फ़ सिवान ज़िले के थे, लेकिन सरकार गंभीर नहीं हुई. उल्टा झोला छाप डॉक्टर का प्रशिक्षण देने संबंधी पत्र निकालने पर सिविल सर्जन को निलंबित और डीपीएम को बर्ख़ास्त कर दिया गया. यानी जिस वक़्त आप का एक-एक पल क़ीमती है, उस वक़्त सिवान में स्वास्थ्य विभाग नेतृत्व विहीन रहा."
वहीं सिवान के ज़िलाधिकारी अमित कुमार पांडेय से बार-बार संपर्क करने की कोशिश असफल रही. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जिनका गृह ज़िला सिवान है, उनसे संपर्क करने पर मालूम हुआ कि सिवान को लेकर वो मीटिंग में व्यस्त हैं.
लेकिन गुरूवार को उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए नए मामलों पर चिंता जताते हुए कोरोना जाँच को लेकर किट की उपलब्धता पर संतुष्टि जताई थी.

बिहार में जांच की धीमी गति

इस बीच पटना के ज़िलाधिकारी के आदेश पर पटना-बेगूसराय की सीमा को सील कर दिया गया है. ग़ौरतलब है कि बेगूसराय में अब तक 5 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं.
स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों के मुताबिक़ राज्य में 18 मार्च से 23 मार्च के बीच दूसरे देशों से 3356 व्यक्ति आए जिनमें अब तक सरकार सिर्फ़ 2254 व्यक्तियों से ही संपर्क स्थापित कर पाई और उनकी जाँच की है. ऐसे में ये सवाल उठना लाज़िमी है कि 3356 और 2254 का अंतर यानी 1102 लोग जो विदेश से आए, वो कहां हैं?
वहीं अन्य राज्यों से आए 31996 लोगों को पंचायत स्तर पर क्वारंटीन किया गया है. बिहार सरकार के आँकड़ों के मुताबिक़ तक़रीबन 12 करोड़ की आबादी वाले बिहार राज्य में 8 अप्रैल तक राज्य में जाँच के लिए महज़ 5152 सैंपल लिए गए है. इनमें सबसे ज़्यादा पटना से 729, गोपालगंज से 595 और सिवान से 589 सैंपल लिए गए है.

पंजवार: सिवान की सांस्कृतिक राजधानी

पंजवार गांव को सिवान की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है. आखर नाम की संस्था यहां हर साल दिसंबर महीने में भोजपुरी भाषा से जुड़े सांस्कृतिक आयोजन करवाती है, जिसमें देश विदेश से लोग हिस्सा लेने आते हैं.
इसके अलावा गांव में 1940 में स्थापित लाइब्रेरी में पुराने अख़बारों के आर्काइव हैं.
मशहूर शहनाई वादक बिस्मिल्ला खाँ के नाम पर संगीत महाविद्यालय, लड़कियों के लिए मैरीकॉम स्पोर्ट्स एकेडमी और 25 साल से यहां युवाओं की संस्था नवचेतना समिति सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता करवाती है जो सिर्फ़ सिवान ही नहीं बल्कि आसपास के ज़िलों में बहुत मशहूर है.
पंजवार गांव में अपने रिटायरमेंट के बाद मिली राशि से कॉलेज खोलने वाले और गुरूजी के नाम से मशहूर घनश्याम शुक्ल की आवाज़ में उदासी है. वो कहते है, "पंजवार का नाम तो सांस्कृतिक आयोजनों के लिए साल दर साल अख़बार टीवी में आता था, अब कोरोना के हॉटस्पॉट बनने पर आ रहा है, तो मन को अच्छा नहीं लग रहा है."

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