CAA: दिल्ली हिंसा में अब तक चार की मौत और 25 घायल

दिल्ली के यमुना पार इलाके में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन हिंसक हो गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, इस हिंसा में अब तक तीन आम लोगों और एक पुलिस कर्मी की मौत हुई है.
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय बाबरपुर इलाके में फायरिंग और आगजनी की घटनाएं सामने आने के बाद संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल भेजे जाने की दरख्वास्त लेकर दिल्ली के उप राज्यपाल से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे हैं.
गोपाल राय ने कहा है, "बाबरपुर इलाके समेत पूरी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जो दहशत का माहौल बना हुआ है, हम इस मसले को लेकर अपने विधायक साथियों के साथ उप राज्यपाल के आवास आए थे. मैं एलजी साहब से मिलने का इंतज़ार कर रहा हूं. क्योंकि वहां पर तनाव बढ़ता जा रहा है. दंगा करने वाले लोग फायरिंग कर रहे हैं. आग जला रहे हैं. लेकिन वहां पर पुलिस बल मौजूद नहीं है. हम चाहते हैं कि तुरंत इस मसले पर कदम उठाकर वहां पुलिस फोर्स भेजी जाए. पूरे इलाके में लोग दहशत में हैं, जगे हुए हैं, ऐसी स्थिति में कोई भी घटना घटित हो सकती है."
लेकिन ये ख़बर लिखे जाने तक दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय से एलजी अनिल बैजाल की मुलाक़ात नहीं हो सकी है.

सोमवार दिन में क्या हुआ?

सोमवार दोपहर और शाम को हुई हिंसक घटनाएं में चार लोगों की मौत हुई है.
जाफ़राबाद के रहने वाले मोहम्मद सुल्तान नाम के प्रदर्शनकारी की पैर में गोली लगने की वजह से मौत हो गई है.
पुलिस अधिकारियों ने बीबीसी को बताया है कि गोली सुल्तान के पैर में लगी थी लेकन ज़्यादा ख़ून बह जाने की वजह से उनकी जान चली गई.
वहीं प्रदर्शन के दौरान शाहिद अल्वी नाम के एक ऑटो चालक की भी गोली लगने से मौत हो गई है. शाहिद अल्वी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के डिबाई क्षेत्र के रहने वाले हैं.
उनके भाई राशिद अल्वी ने बीबीसी को बताया, "शाहिद ऑटो चलाते थे. हंगामे के दौरान उनके पेट में गोली लग गई. उनकी बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया है."
शाहिद की शादी दो महीने पहले ही हुई थी. वो दिल्ली के मुस्तफ़ाबाद इलाक़े में किराए पर रह रहे थे.
जीटीबी अस्पताल में मौजूद बीबीसी संवाददाता के मुताबिक अस्पताल में 25 घायलों को भर्ती कराया गया है.
अस्पताल के सूत्रों ने संवाददाता को बताया, "पच्चीस लोग गंभीर हालत में लाए गए हैं. इनमें एक डीसीपी हैं जिन्हें मेक्स हॉस्पिटल रेफ़र किया गया है. रतन लाल नाम के पुलिसकर्मी और एक अन्य युवक को मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया था. घायलों को क्रिटिकल केयर में रखा गया है."
जीटीबी अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों की ड्यूटी बढ़ा दी है.
वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस हिंसा में एक हेड कांस्टेबल की भी मौत हो गई है. मारे गए हेड कांस्टेबल का नाम रतन लाल है.
दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दस इलाक़ों में धारा 144 लगा दी है. जाफ़राबाद, मौजपुर, सीलमपुर और चांदबाग़ इलाक़ों से हिंसा की ख़बरें हैं.
कई इलाक़ों में पत्थरबाज़ी और आगजनी के बाद अफ़रा-तफ़री का माहौल है.
हिंसा प्रभावित इलाक़ों के लोग बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने डीसीपी दफ़्तर पहुंचे हैं.
मौजपुर के पार्षद नदीम ने बीबीसी से कहा, "पत्थरबाज़ी सीएए समर्थकों ने की है जिन्हें कपिल मिश्रा ने भड़काया था."
उन्होंने कहा, "कपिल मिश्रा के समर्थकों ने डीटीसी बसों में आग लगाई, एक निजी कार में आग लगा दी. दिल्ली पुलिस ने इन लोगों को नहीं रोका. पुलिस भी इस सब में शामिल नज़र आई."
हजारों की भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को काफी जोर अजमाइश करनी पड़ रही है.
पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भगदड़ का सा माहौल हो गया.
कई घरों और व्यापारिक प्रतिष्टानों को भी आग लगा दी गई है. जिन इलाक़ों में हिंसा हुई है वहां मुसलमानों की बड़ी आबादी रहती है.
हिंसा के मद्देनज़र दिल्ली मेट्रो ने सुरक्षा कारणों से पांच स्टेशन बंद कर दिए हैं. ये स्टेशन हैं जाफ़राबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जोहरी एन्कलेव और शिव विहार.
बाबरपुर-मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास भारी पत्थरबाज़ी हुई है. यहां कम से कम दो वाहनों में आग भी लगा दी गई.
जाफ़राबाद इलाके में पथराव भी हुआ है. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि नागरिकता संशोधन क़ानून का समर्थन कर रहे लोग पत्थर जमा कर रहे थे. हालांकि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.

मुख्यमंत्री की अपील

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लेफ्टिनेंट गवर्नर और गृहमंत्री से शांति व्यवस्ता बनाए रखने का आह्वान किया है.
केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली के कुछ इलाक़ों में अशांति फैलने की परेशान करने वाली ख़बरें आ रही हैं. मैं गृहमंत्री और लेफ्टिनेंट गवर्नर से अपील करता हूं कि वो क़ानून व्यवस्था क़ायम करें."
केजरीवाल ने मारे गए हेड कांस्टेबल की मौत पर भी दुख प्रकट किया है.
बुराड़ी के विधायक संजीव झा ने हेड कांस्टेबल रतन लाल के परिवार वालों से बात की है.
झा ने बीबीसी को बताया, "मृतक हेड कांस्टेबल का परिवार इस समय काफ़ी सदमे से गुजर रहा है. परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं. और हेड कांस्टेबल की मौत की ख़बर सुनने के बाद से रतन लाल की पत्नी बेहोशी की हालत में हैं."
वहीं, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक ट्वीट करते हुए बताया है कि उन्होंने दिल्ली के उप राज्यपाल से बाबरपुर क्षेत्र में तत्काल पुलिस लगाए जाने का आग्रह किया है.
एलजी अनिल बैजल ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.
वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "सीएए समर्थक हों या सीएए विरोधी या कोई भी, हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए."
सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने कपिल मिश्रा पर दंगा भड़काने का आरोप लगाए हुए ट्वीट किया, "ये दंगे बीजेपी नेता और एक पूर्व विधायक के भड़काने का नतीजा हैं. पुलिस के शामिल होने के भी स्पष्ट सबूत हैं. इस पूर्व विधायक को तुरंत गिरफ़्तार किया जाना चाहिए. हिंसा नियंत्रित करने के लिए तुरंत क़दम उठाए जाने चाहिए."
डीसीपी घायल
इस जोर अजमाइश में दिल्ली पुलिस के एक डीसीपी के घायल होने की जानकारी मिल रही है.
ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बीबीसी को बताया है कि पत्थर लगने की वजह से डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा घायल हो गए हैं.
उधर पुलिसकर्मियों ने भीड़ पर क़ाबू पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया है.
रविवार देर शाम भी जाफ़राबाद मेट्रो स्टेशन के पास नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थक और विरोधों के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली थी.
दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर दिए एक बयान में कहा है, "उत्तर पूर्वी ज़िले के कुछ इलाक़ों में हिंसा और आगजनी की कुछ घटनाएं हुई हैं. ख़ासकर मौजपुर, कर्दमपुरी, चांद बाग़ और दयालपुर इलक़े में. दिल्ली के लोगों, ख़ासकर उत्तर-पूर्वी ज़िले के लोगों से ये अपील की जाती है कि वो शांति और सद्भाव बनाए रखें.
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके कहा है, "दिल्ली पुलिस हालात सामान्य करने के प्रयास कर रही है. उत्तर पूर्वी ज़िले के प्रभावित इलाक़ों में धारा 144 लगा दी गई है. बलवाइयों और दंगाइयों के ख़िलाफ़ सख़्त कारर्वाई की जाएगी."
पुलिस ने लोगों से अफ़वाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा, "लोग झूठी अफ़वाहों पर यक़ीन न करें. मीडिया से भी अपील की जाती है कि परेशान करने वाली तस्वीरें न प्रकाशित करे, इससे हालात और ख़राब हो सकते हैं."
वहीं कल दिल्ली के हौजरानी इलाक़े में भी प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर लाठीचार्ज किया गया था जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हुए थे.

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