सिर्फ आठ महीने में 48% वोटर बीजेपी से आप में हो गए शिफ्ट, 2% से ज्यादा लोगों को नहीं लुभा सका राम मंदिर, तीन तलाक, 370 का मुद्दा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कम से कम 25 फीसदी भाजपा समर्थकों ने पीएम मोदी की वजह से मतदान किया। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल से ऐसा पता चलता है। एग्जिट पोल में कहा गया कि 57 फीसदी भाजपा समर्थकों ने केंद्र सरकार के ‘गुड गवर्नेंस’ के नाम पर वोट दिया। शनिवार (8 फरवरी, 2020) को जारी हुए एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) 59-68 विधानसभा सीटों के साथ एक फिर सत्ता में वापसी कर सकती है। एग्जिट पोल में भाजपा को 2-11 सीटों तक ही सीमित रखा गया है जबकि कांग्रेस की एक भी सीट नहीं मिलने की बात कही गई।
सर्वे में यह भी बताया गया कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव भाजपा का 48 फीसदी मतदाता आप की तरफ चला गया। इन 48 फीसदी मतदाताओं में निम्न और निम्न-मध्यम वर्ग का एक बड़ा हिस्सा शामिल है। सर्वे के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने, राम मंदिर मुद्दा, तीन तलाक एक्ट, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और शाहीन बाग मुद्दा दो फीसदी से ज्यादा मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सका। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा कम से कम छह फीसदी मतदाताओं के लिए चुनाव में मुद्दा थी, जिन्होंने भाजपा के पक्ष में मतदान किया।
इसके अलावा 14 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि केंद्र और दिल्ली में अलग-अलग सरकारें चाहते हैं। 13 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने भाजपा को वोट इसलिए नहीं दिया कि निगमों में भाजपा सरकारें हैं मगर वहां उसका प्रदर्शन खराब है।
सर्वे में यह भी बताया गया कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव भाजपा का 48 फीसदी मतदाता आप की तरफ चला गया। इन 48 फीसदी मतदाताओं में निम्न और निम्न-मध्यम वर्ग का एक बड़ा हिस्सा शामिल है। सर्वे के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त होने, राम मंदिर मुद्दा, तीन तलाक एक्ट, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और शाहीन बाग मुद्दा दो फीसदी से ज्यादा मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सका। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा कम से कम छह फीसदी मतदाताओं के लिए चुनाव में मुद्दा थी, जिन्होंने भाजपा के पक्ष में मतदान किया।
इसके अलावा 14 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि केंद्र और दिल्ली में अलग-अलग सरकारें चाहते हैं। 13 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने भाजपा को वोट इसलिए नहीं दिया कि निगमों में भाजपा सरकारें हैं मगर वहां उसका प्रदर्शन खराब है।