फरमान: रात को फोन, वाट्सऐप और एसएमएस से नहीं मांग सकेंगे वोट, चुनाव आयोग ने प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू किया

चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद रात के समय फोन कॉल, एसएमएस या वाट्सऐप संदेश के जरिए वोट मांगने पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रावधान ठीक उसी तरह का होगा, जैसे चुनाव प्रचार अभियान के मामले में नियम के तहत व्यवस्था दी गई है। रात को 10 बजे से सुबह छह बजे की अवधि तक चुनाव प्रचार पर रोक रहती है। इस दौरान उम्मीदवार फोन कॉल, एसएमएस या वाट्सऐप संदेश के जरिए किसी वोटर से वोट की अपील नहीं कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर आगामी सभी चुनावों के लिए तुरंत प्रभाव से यह प्रतिबंध लागू किया है। उल्लंघन होने पर शिकायत के लिए चुनाव आयोग ने एक विशेष मोबाइल ऐप भी बनाया है।
चुनाव आयोग ने इस बारे में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश भेजा है। आयोग के सचिव एनटी भूटिया ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि इस व्यवस्था को गंभीरता से लागू किया जाए। मौजूदा व्यवस्था में उम्मीदवार आचार संहिता लागू होने के बाद दिन में ही संवाद व संचार के सभी माध्यमों से प्रचार अभियान चला सकते हैं। प्रचार अभियान संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत उम्मीदवार रात को दस बजे से सुबह छह बजे तक प्रचार थमने की अवधि में लाउडस्पीकर या सभाएं आयोजित कर प्रचार नहीं कर सकते हैं। ऐसे में उम्मीदवारों ने रास्ता निकालते हुए इस अवधि में घर-घर जाकर या फोन कॉल, एसएमएस, वाट्सऐप आदि को प्रचार का माध्यम बनाना शुरू कर दिया था।
अब आयोग ने प्रतिबंध के दायरे में फोन कॉल, एसएमएस और वाट्सऐप संदेश व घर-घर जाकर वोट मांगने को भी शामिल कर दिया है। आयोग ने इसके पीछे नागरिकों की निजता का सम्मान करने और सामान्य जनजीवन में अशांति या व्यवधान को रोकने को मुख्य वजह बताया है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के हवाले से इस साल 20 अप्रैल को जारी निर्देश में संशोधन करते हुए यह व्यवस्था लागू की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजे अपने निर्देश में आयोग ने कहा कि नागरिकों की निजता का सम्मान करने और सामान्य जनजीवन में अशांति को कम करने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को कहा है कि वह इस निर्देश के बारे में सभी संबद्ध जिला निर्वाचन अधिकारियों, अन्य चुनाव अधिकारियों और सभी राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त व गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों को तुरंत प्रभाव से अवगत कराएं और इसका पालन सुनिश्चित करें। इस प्रावधान के उल्लंघन पर कोई भी मतदाता चुनाव आयोग के ‘सी विजिल’ मोबाइल ऐप के जरिए शिकायत कर सकेगा। इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने हाल ही में इस ऐप को लांच किया था।
चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन समेत अन्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सी विजिल के जरिए की गई शिकायत पर सौ मिनट के भीतर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करना अनिवार्य है। शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर संबद्ध निर्वाचन अधिकारी को इस पर तत्काल कार्रवाई करना बाध्यता मूलक कर दिया गया है। एंड्रॉयड आधारित इस ऐप की मदद से कोई भी नागरिक चुनावी गड़बड़ी की तस्वीर या वीडियो के जरिए शिकायत कर सकता है। इस ऐप का कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बंगलुरु विधानसभा क्षेत्र में परीक्षण किया जा चुका है।

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