ट्विटर पर सक्रिय रहने वाले नरेंद्र मोदी रेप के मुद्दों पर हो जाते हैं शांत: न्यूयॉर्क टाइम्स

उन्‍नाव और कठुआ सामूहिक दुष्‍कर्म कांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी की विदेशों में भी कड़ी आलोचना हुई है। अमेरिकी समाचारपत्र ‘द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स’ ने संपादकीय प्रकाशित कर मोदी की चुप्‍पी पर तीखी टिप्‍पणी की है। अखबार ने लिखा, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आमतौर पर ट्वीट करते रहते हैं। वह खुद को एक प्रतिभाशाली वक्‍ता भी मानते हैं। हालांकि, जब महिलाओं और अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के सामने उत्‍पन्‍न खतरों की बात आती है तो वह अपनी आवाज खो बैठते हैं। ये खतरे राष्‍ट्रवादी और सांप्रदायिक ताकतों की ओर से पेश किए जा रहे हैं जो उनकी (मोदी) पार्टी बीजेपी का हिस्‍सा हैं। जनवरी में एक आठ वर्षीय बच्‍ची से सामूहिक दुष्‍कर्म और उसकी हत्‍या से जुड़े मामलों पर सरकार की संवेदनहीन प्रतिक्रिया के खिलाफ भारतीयों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस मामले में उनकी पार्टी के समर्थक घिरे हुए हैं। मोदी ने इस घटना या उन अन्‍य घटनाओं पर शायद ही कभी बोला है जिनमें उनके समर्थकों के नाम सामने आए हैं।’ अमेरिकी अखबार ने कठुआ सामूहिक दुष्‍कर्म कांड के आरोपियों के समर्थन में आयोजित रैली में भाजपा विधायकों के शामिल होने पर भी सवाल उठाया है। ‘न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स’ ने उन्‍नाव दुष्‍कर्म कांड पर भी टिप्‍पणी की है। अखबार ने लिखा, ‘नरेंद्र मोदी उत्‍तर प्रदेश के बीजेपी विधायक पर लगे दुष्‍कर्म के आरोप पर भी बोलने से बचते रहे। भारत के सबसे ज्‍यादा जनसंख्‍या वाले राज्‍य में भाजपा की ही सरकार है। एक लड़की ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक ने पिछले साल ही उसके के साथ दुष्‍कर्म किया था, लेकिन पुलिस हाल तक उस विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने से बचती रही। विधायक और उसके भाई पर पीड़ि‍ता के पिता की हत्‍या करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।’
उन्‍नाव और कठुआ गैंगरेप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंबे समय तक चुप्‍पी साधे रखी थी। विपक्षी दलों ने पीएम मोदी की खामोशी पर सवाल उठाए थे। आखिरकार कुछ दिनों पहले मोदी ने इन मामलों पर चुप्‍पी तोड़ी थी। उन्‍होंने कठुआ या उन्‍नाव घटनाओं का जिक्र किए बगैर कहा था कि दोषियों को बख्‍शा नहीं जाएगा। बता दें कि उन्‍नाव में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर उनके ही गांव माखी की एक युवती ने उन पर दुष्‍कर्म का आरोप लगाया है। उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में लंबे समय तक एफआईआर दर्ज नहीं की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्‍वत: संज्ञान लेते हुए मामले पर सुनवाई की थी। वहीं, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। मामले के आदलत में जाने के बाद आखिरकार यूपी पुलिस ने मामला दर्ज किया था। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था। हालांकि, बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। कठुआ मामले में एक आठ साल की बच्‍ची के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म करने के बाद उसकी निर्मम हत्‍या कर दी गई थी। वकीलों ने चार्जशीट दाखिल करने जा रही पुलिस को भी रोकने की कोशिश की थी। इसके अलावा आरोपियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन भी किए गए थे।

Popular posts from this blog

सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षा रद्द, 12वीं की परीक्षा टाली गई

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप: न्यूज़ीलैंड की दमदार जीत, फ़ाइनल में भारत को 8 विकेट से हराया