2G घोटाले के सभी आरोपी बरी, एक ऐसा घोटाला जो कभी हुआ ही नहीं"

देश के सबसे बड़े 2G घोटाले में सीबीआई की विशेष
अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। जज
ने एक लाइन में अपना फैसला सुनाया। जज ओ. पी.
सैनी ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित
करने में नाकाम रहा। इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री
ए. राजा और DMK चीफ एम. करुणानिधि की बेटी
और राज्यसभा सांसद कनिमोझी को भी बरी कर
दिया है। फैसला सुनाए जाते समय राजा और
कनिमोझी पटियाला हाउस कोर्ट में मौजूद थे। उधर,
कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि यह उनकी नैतिक जीत है।
फैसला सुनते ही राजा और कनिमोझी ने हाथ
जोड़कर जज का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान
राजा और कनिमोझी के समर्थकों ने नारेबाजी भी
की। समर्थकों ने राजा को कंधे पर उठा लिया और
जश्न मनाया। कोर्ट में भी समर्थकों की भारी भीड़
थी। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को काफी
मशक्कत करनी पड़ी। अब बड़ा सवाल यह है कि CAG
की रिपोर्ट में जिस घोटाले की बात की गई, उसके
लिए जिम्मेदार कौन है?
जज ओ. पी. सैनी ने कहा, 'पैसों का लेनदेन साबित
नहीं हो सका इसलिए मैं सभी आरोपियों को बरी कर
रहा हूं।' दिलचस्प बात यह है कि कोर्ट ने यह नहीं कहा
है कि घोटाला नहीं हुआ है। कोर्ट ने कहा कि
आरोपों के हिसाब से एजेंसियां सबूत पेश करने में
नाकाम रहीं। सीबीआई और ED के सूत्रों की ओर से
कहा गया है कि फैसले का अध्ययन करने के बाद आगे
निर्णय लिया जाएगा।
यह फैसला राजनीतिक लिहाज से भी काफी
महत्वपूर्ण है। इसी मामले ने UPA-2 के समय देश की
सियासत में भूचाल ला दिया था। सीधे तौर पर
कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाए गए थे। आरोप लगाए
गए थे कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पूरे
मामले की जानकारी थी और वह इस पर चुप्पी साधे
रहे। CAG की रिपोर्ट में 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये
का घोटाला बताया गया था। सीबीआई की
चार्जशीट में 30 हजार करोड़ के नुकसान की बात
रखी गई थी। अब इस मामले में आए फैसले पर कांग्रेस
फायदा उठाना चाहेगी। कांग्रेस पहले से ही 'जीरो
लॉस थिअरी' की बात करती रही है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने पूर्व
टेलिकॉम मिनिस्टर और मुख्य आरोपी ए. राजा को
'बड़ा झूठा' बताया था जबकि राजा ने सभी
एजेंसियों को 'अंधे इंसान' कहते हुए कहा था कि वे छूकर
हाथी की व्याख्या कर रहे हैं। CBI ने राजा को सबसे
बड़ा आरोपी बताया था जिसने अनुभवहीन कंपनियों
को लाइसेंस बांट दिए। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने
मामले में अप्रैल 2014 में 19 लोगों के खिलाफ आरोप
पत्र दाखिल किया था जिनमें राजा, कनिमोझी,
शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा,
राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी और शरद कुमार
शामिल थे।
फैसले से जोश में आई कांग्रेस, सिब्बल-
चिदंबरम का सरकार पर पलटवार
यूपीए-2 के कार्यकाल में हुए सबसे बड़े 2जी स्पेक्ट्रम
आवंटन घोटाले पर पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल
सीबीआई अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर
दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद से राजनीतिक
गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस सड़क से लेकर
सदन तक बीजेपी और तत्कालीन कैग प्रमुख विनोद
राय को आड़े हाथों ले रही है। राज्यसभा में कांग्रेस के
नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस घोटाले के
आरोपों पर हम विपक्ष में आए, वह घोटाला हुआ ही
नहीं। राज्यसभा में इस मामले पर जोरदार हंगामा

हुआ।
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल
ने कहा है, 'साबित हो गया कि विपक्ष के झूठ का
घोटाला हुआ है। बिना किसी सबूत के UPA सरकार
पर निराधार आरोप लगाए गए।' सिब्बल ने कहा,
'तत्कालीन कैग विनोद राय ने कांग्रेस सरकार के
खिलाफ साजिश की थी। इस फैसले ने साबित कर
दिया है कि राय की निष्ठा किस ओर थी। जब मैंने
जीरो लॉस की बात कही थी तो तत्कालीन विपक्ष
और ऑनलाइन ट्रोलर्स ने मुझे निशाने पर लिया था।
आज यूपीए सरकार की बात पर मुहर लगाई है।'
मनमोहन बोले, खराब नीयत से लगाए गए आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि हम
कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, 'UPA
सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। कोर्ट के
फैसले से आरोप बेबुनियाद साबित हुए। खराब नीयत से
आरोप लगाए गए थे।' कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि
पूर्व सीएजी विनोद राय को देश से माफी मांगनी
चाहिए। बता दें कि विनोद राय इस वक्त
बीसीसीआई के प्रशासक समिति (सीओए) के प्रमुख
हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने
भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,
'एक हाई प्रोफाइल 2 लाख करोड़ के घोटाले में
सरकार के वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों के शामिल होने
की बातें पूरी तरह से निराधार थीं। हम हमेशा यही
कहते रहे और मुझे बेहद खुशी है कि आज सत्य की जीत
हुई है।' लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी फैसले पर खुशी
जताई और कहा कि निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमे में
फंसाया गया था। देश की न्यायपालिका ने वैसे ही
काम किया जैसे उसे करना चाहिए।
उधर, आरोपियों के बरी होने के बाद से डीएमके
समर्थकों में खुशी की लहर है। भारी संख्या में
तमिलनाडु से दिल्ली पहुंचे डीएमके समर्थकों ने पार्टी
प्रमुख करुणानिधि की पुत्री कनिमोझी के समर्थन में
नारे लगाए। कनिमोझी ने फैसले के बाद कहा, 'न्याय
हुआ है और मुझे इसकी खुशी है। मैं अपने समर्थकों और
शुभचिंतकों की शुक्रगुजार हूं जो लगातार मेरे साथ
खड़े रहे।'
वरिष्ठ डीएमके नेता दुरई मुरुगन ने कहा, 'जीत की अभी
तो शुरुआत हुई है। राजनीतिक मंसूबों को पूरा करने के
लिए हमारे खिलाफ यह साजिश की गई थी, लेकिन
अब सब कुछ साफ हो चुका है।'
दूसरी तरफ फैसले को लेकर कुछ निराशा का माहौल
भी है। सीबीआई की तरफ से जारी आधिकारिक
बयान में कहा गया कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद
आगे की प्रक्रियाओं पर विचार किया जाएगा।
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा, 'अभी मैं
फैसले के बारे में कुछ नहीं कह सकता। पूरी जानकारी
मिलने के बाद ही इस पर विस्तृत प्रतिक्रिया दूंगा।'

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