स्टांप पेपर घोटाले के दोषी अब्दुल करीम तेलगी की मौत

करोड़ों रुपये के स्टांप पेपर घोटाले में दोषी करार दिए गए अब्दुल करीम तेलगी बेंगलुरु जेल में सज़ा काट रहे थे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ गुरुवार को बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल में उनकी मौत हो गई. तेलगी के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.
डॉक्टरों ने बताया कि तेलगी स्थिति नाजुक बनी हुई थी.
साल 2006 में उन्हें 30 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही उन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था
वे बेंगलुरु के परापाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में पिछले 16 साल से बंद थे.

क्या है मामला

माना जाता है कि कई हज़ार करोड़ रुपए के स्टांप पेपर घोटाले की शुरुआत 90 के दशक के आरंभिक वर्षों में हुई थी.
तेलगी ने पहले तो स्टांप पेपर बेचने का लाइसेंस लिया फिर, जैसा कि आरोप है, वो नकली स्टांप पेपर छापने लगे.
कहा जाता है कि तेलगी ने स्टांप पेपर की ब्रिक्री के लिए सैकड़ों लोगों को नियुक्त किया था और उनकी मासिक आय कई करोड़ रुपये थी.
1995 में तेलगी के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए गए लेकिन गिरफ़्तारी 2001 में ही हो सकी.
अब्दुल करीम तेलगी की गिरफ़्तारी के बाद कई नेताओं के साथ-साथ पुलिस के कई आला अधिकारी भी हिरासत में लिए गए.
तेलगी कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे. उन्हें पिछले 20 सालों से मधुमेह और हायपरटेंशन की बीमारी थी.

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